22 May 2025 Panchang: गुरुवार, 22 मई 2025 का दिन धार्मिक, ज्योतिषीय और सांस्कृतिक दृष्टिकोण से अत्यंत महत्वपूर्ण है। इस दिन का पंचांग ना केवल शुभ कार्यों के लिए मार्गदर्शक है बल्कि ग्रह-नक्षत्रों की चाल से जुड़ी भविष्यवाणियाँ भी करता है। राजस्थान के प्रमुख शहरों—जयपुर, जोधपुर, उदयपुर, कोटा और बीकानेर के लिए यह पंचांग समान रूप से प्रभावी है। आज हम इस विस्तृत रिपोर्ट में बताएंगे सूर्योदय-सूर्यास्त, शुभ मुहूर्त, व्रत-त्योहार, राहुकाल, चंद्र राशि, नक्षत्र, पंचांग तत्वों और राशिफल के बारे में। आइए शुरुआत करते हैं दिन की तिथि और नक्षत्र से।
दिन: गुरुवार
तिथि: त्रयोदशी तिथि (शुक्ल पक्ष)
माह: वैशाख मास
विक्रम संवत: 2082
चंद्र मास: वैशाख
नक्षत्र: विशाखा नक्षत्र (सुबह 09:35 तक), फिर अनुराधा नक्षत्र
योग: शोभन योग (11:22 AM तक), उसके बाद अतिगंड योग
करण: तैतिल करण (11:40 AM तक), फिर गर करण
चंद्र राशि: तुला (09:35 AM तक), फिर वृश्चिक राशि में प्रवेश
सूर्योदय: प्रातः 05:37 बजे
सूर्यास्त: सायं 07:12 बजे
चंद्रोदय: रात 06:23 बजे
चंद्रास्त: सुबह 04:43 बजे (23 मई को)
सूर्य: वृषभ राशि में
चंद्रमा: तुला से वृश्चिक राशि में प्रवेश
मंगल: मीन राशि में
बुध: वृषभ में (वक्री गति)
गुरु (बृहस्पति): वृषभ राशि में
शुक्र: मिथुन राशि में
शनि: कुम्भ राशि में (वक्री गति)
राहु: मीन में
केतु: कन्या में
ग्रहों की यह स्थिति विशेष प्रभाव डालने वाली है, खासकर बुध और शनि की वक्री चाल व्यापार, न्याय और निर्णयों को प्रभावित कर सकती है।
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22 मई को कोई बड़ा राष्ट्रीय पर्व तो नहीं है, परंतु यह तिथि प्रदोष व्रत (शुक्ल पक्ष) के रूप में मनाई जाएगी। यह व्रत भगवान शिव को समर्पित होता है। गुरुवार को पड़ने वाला प्रदोष व्रत विशेष रूप से “गुरुवार प्रदोष” कहलाता है जो गुरू बृहस्पति और शिव की कृपा प्राप्ति के लिए उत्तम माना जाता है।
उपवास विधि: उपवास रखने वाले दिनभर फलाहार करते हैं और शाम के समय सूर्यास्त से एक घंटा पहले भगवान शिव की पूजा करते हैं।
पूजा सामग्री: बेलपत्र, धतूरा, अक्षत, गंगाजल, दूध, दही, घी आदि।
फायदे: यह व्रत ऋण मुक्ति, संतान सुख, रोग निवारण और वैवाहिक जीवन की समस्याओं से छुटकारा दिलाता है।
कार्य | मुहूर्त समय |
---|---|
विवाह | कोई प्रमुख विवाह मुहूर्त नहीं |
वाहन खरीद | दोपहर 12:15 से 02:00 बजे तक |
गृह प्रवेश | 09:10 से 11:35 बजे तक शुभ |
व्यापार शुरू | 08:45 से 10:30 और 03:00 से 04:45 |
शिलान्यास/भूमिपूजन | 07:45 से 09:00 बजे |
अभिजीत मुहूर्त: 11:55 AM से 12:50 PM तक
काल | समय |
---|---|
राहुकाल | दोपहर 01:30 बजे से 03:00 बजे तक |
गुलिक काल | 09:00 बजे से 10:30 बजे तक |
यमगंड काल | 06:00 बजे से 07:30 बजे तक |
राहुकाल में कोई भी शुभ कार्य न करें। व्यापार, सगाई, यात्रा या नया कार्य शुरू करने से बचें।
आज का दिन निर्णय लेने के लिए अनुकूल है। धन लाभ के संकेत हैं लेकिन गुस्से पर नियंत्रण रखें। शिवलिंग पर जल चढ़ाएं।
मानसिक उलझनें कम होंगी। परिवार में तालमेल बढ़ेगा। वाणी में मधुरता रखें। शुभ रंग – गुलाबी।
आज व्यावसायिक कार्यों में गति आएगी। कोई रुका हुआ भुगतान मिल सकता है। स्वास्थ्य का ध्यान रखें।
यात्रा के योग हैं। नौकरी में तरक्की मिल सकती है। ससुराल पक्ष से सहयोग मिलेगा।
ध्यान और साधना में रुचि बढ़ेगी। नया सौदा सोच-समझकर करें। विद्यार्थियों को अच्छे अवसर मिलेंगे।
अचल संपत्ति से जुड़ा कोई निर्णय ले सकते हैं। संतान के व्यवहार से प्रसन्नता होगी।
चंद्रमा आपकी राशि से निकलकर वृश्चिक में प्रवेश करेगा, जिससे मानसिक द्वंद्व खत्म होगा। सौंदर्य प्रसाधनों पर खर्च संभव।
नई शुरुआत का दिन है। चंद्रमा आपकी राशि में है। आत्मविश्वास बढ़ेगा और सफलता के संकेत हैं।
किसी पुराने मित्र से मुलाकात हो सकती है। अनावश्यक यात्रा से बचें। धन की स्थिति स्थिर रहेगी।
प्रमोशन या नया प्रोजेक्ट मिल सकता है। पारिवारिक सहयोग मिलेगा। शनि की वक्री चाल के कारण अधूरे कार्य पूरे होंगे।
धन का निवेश सोच-समझकर करें। पारिवारिक विवाद टालें। शनि की स्थिति आपके लिए शुभ संकेत नहीं दे रही।
आज दिन रचनात्मकता से भरा रहेगा। प्रेम संबंध मजबूत होंगे। माता के स्वास्थ्य का ध्यान रखें।
प्रदोष व्रत के दिन शिव जी पर कच्चा दूध और शहद अर्पित करें।
राहु काल में यात्रा से बचें।
तुलसी के पौधे में जल दें और दीपक जलाएं।
“ॐ नमः शिवाय” मंत्र का 108 बार जाप करें।
ब्राह्मण को पीला वस्त्र और चना दान करें।
महाकाल मंदिर, उदयपुर: शाम 6 बजे से विशेष रुद्राभिषेक।
शिवपुरी मंदिर, जयपुर: शिव तांडव स्तोत्र पाठ और भजन संध्या।
घंटाघर मंदिर, जोधपुर: शाम को विशेष शिव पूजन और आरती।
22 मई 2025 का दिन धार्मिक और ज्योतिषीय दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण है। त्रयोदशी तिथि और गुरुवार का संयोग ‘गुरू प्रदोष व्रत’ को विशेष बनाता है। ऐसे समय में भगवान शिव की आराधना से सारे संकटों से मुक्ति मिलती है। ग्रहों की स्थिति भी संकेत देती है कि आज का दिन आध्यात्मिक उन्नति, आत्मबल और मानसिक शांति के लिए श्रेष्ठ है।
पंचांग न केवल तिथि और समय की गणना है, बल्कि यह जीवन के हर क्षेत्र को दिशा देने वाला खगोलीय विज्ञान है। 22 मई 2025 का यह दिन विशेष पूजन, व्रत और ध्यान के लिए अनुकूल है। जो लोग अपने जीवन में स्थिरता, संतुलन और आध्यात्मिक शांति चाहते हैं, उनके लिए आज का दिन शिवभक्ति में लीन होने का उत्तम अवसर है।
अतः राजस्थानवासियों से निवेदन है कि आज के दिन का अधिकतम लाभ लें, प्रदोष व्रत करें, शिवजी का अभिषेक करें और अच्छे कर्मों की ओर बढ़ें।
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