Navratri 2025: दिव्य Maa Kushmanda आराधना से पाएं व्यापार में अपार वृद्धि
Maa Kushmanda: नवरात्रि का पावन पर्व हर साल आता है और अपने साथ लाता है मां दुर्गा के नौ रूपों की आराधना का अवसर। 2025 में भी यह पर्व धूमधाम से मनाया जाएगा। नवरात्रि के चौथे दिन Maa Kushmanda (मां कूष्मांडा) की पूजा का विधान है। मां कूष्मांडा को सृष्टि की आदि शक्ति माना जाता है। मान्यता है कि उनकी हल्की सी मुस्कान से ही ब्रह्मांड की उत्पत्ति हुई थी। इस दिन मां कूष्मांडा की पूजा करने से भक्तों को आरोग्य, बल और आयु की प्राप्ति होती है।
Maa Kushmanda का स्वरूप:
मां कूष्मांडा का स्वरूप अत्यंत ही सौम्य और मोहक है। उनकी आठ भुजाएं हैं, जिनमें उन्होंने कमंडल, धनुष, बाण, कमल का फूल, अमृत कलश, चक्र, गदा और जप माला धारण की हुई है। वे सिंह की सवारी करती हैं।
Maa Kushmanda की पूजा विधि:
नवरात्रि के चौथे दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र धारण करें। इसके बाद पूजा स्थल को साफ करें और मां कूष्मांडा की प्रतिमा या चित्र स्थापित करें। मां को लाल वस्त्र, लाल फूल और श्रृंगार की वस्तुएं अर्पित करें। मां को पेठे का भोग लगाएं। मां कूष्मांडा के मंत्रों का जाप करें और उनकी आरती करें।
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Maa Kushmanda के मंत्र:
- “ॐ ऐं ह्रीं क्लीं कूष्मांडा दुर्गायै नमः।”
- “या देवी सर्वभूतेषु माँ कूष्माण्डा रूपेण संस्थिता, नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः।”
Maa Kushmanda की कहानी:
माँ कूष्मांडा (सृष्टि की मुस्कान): पुराने ज़माने की बात है, जब कुछ नहीं था, न धरती, न आसमान, बस चारों तरफ अंधेरा ही अंधेरा था। उस वक्त, सिर्फ माँ कूष्मांडा थीं, एक अकेली शक्ति, एक मुस्कान। उनकी हल्की सी हँसी से ही ये पूरा ब्रह्मांड बना। सोचो, एक छोटी सी मुस्कान और इतनी बड़ी दुनिया!

शक्ति और सुकून का संगम: माँ कूष्मांडा का रूप भी बड़ा प्यारा है। आठ हाथ, जिनमें अलग-अलग चीज़ें हैं – कभी हथियार, कभी फूल, कभी अमृत का कलश। वो शेर पर सवारी करती हैं, जो उनकी ताकत दिखाता है। लेकिन उनके चेहरे पर हमेशा एक सुकून भरी मुस्कान रहती है, जो हमें बताती है कि वो कितनी शांत और दयालु हैं।
बीमारियों से लड़ने वाली देवी: आजकल की भागदौड़ भरी ज़िंदगी में हम सब परेशान रहते हैं। बीमारियाँ, टेंशन, मुश्किलें – ये सब हमें घेरे रहती हैं। ऐसे में माँ कूष्मांडा हमें हिम्मत देती हैं। वो हमें बताती हैं कि हमें अपनी सेहत का ध्यान रखना चाहिए, खुश रहना चाहिए और मुश्किलों का सामना करना चाहिए।
पूजा का तरीका: नवरात्रि के चौथे दिन, लोग माँ कूष्मांडा की पूजा करते हैं। सुबह जल्दी उठकर नहाते हैं, नए कपड़े पहनते हैं और माँ की मूर्ति या फोटो को सजाते हैं। उन्हें लाल फूल चढ़ाते हैं, मिठाई का भोग लगाते हैं और उनकी आरती गाते हैं। लोग उनसे अपनी सेहत और खुशियों के लिए प्रार्थना करते हैं।
आजकल के हिसाब से माँ कूष्मांडा: आजकल की दुनिया में माँ कूष्मांडा का मतलब है – पॉज़िटिव रहना। हमें अपनी ज़िंदगी में पॉज़िटिव रहना चाहिए, खुश रहना चाहिए और दूसरों की मदद करनी चाहिए। माँ कूष्मांडा हमें सिखाती हैं कि हमें अपनी सेहत का ध्यान रखना चाहिए, योग करना चाहिए और हेल्दी खाना खाना चाहिए।
माँ कूष्मांडा से सीख: माँ कूष्मांडा की कहानी हमें सिखाती है कि हमें कभी हार नहीं माननी चाहिए। हमें हमेशा खुश रहना चाहिए और दूसरों की मदद करनी चाहिए। और सबसे ज़रूरी बात, हमें अपनी सेहत का ध्यान रखना चाहिए।
आजकल की भाषा में माँ कूष्मांडा: माँ कूष्मांडा मतलब एक ऐसी दोस्त, जो हमेशा आपके साथ है। वो आपको हिम्मत देती है, आपको खुश रखती है और आपको सेहतमंद रहने में मदद करती है। वो कहती है, “मुस्कुराओ, दुनिया अपने आप अच्छी हो जाएगी।”
माँ कूष्मांडा की कहानी का सार: माँ कूष्मांडा की कहानी हमें बताती है कि पॉज़िटिविटी और अच्छी सेहत कितनी ज़रूरी है। वो हमें सिखाती है कि हमें हमेशा खुश रहना चाहिए और दूसरों की मदद करनी चाहिए। और सबसे ज़रूरी बात, हमें कभी हार नहीं माननी चाहिए।
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व्यापार वृद्धि के उपाय:
नवरात्रि के दौरान मां दुर्गा की पूजा करने से व्यापार में वृद्धि होती है। यहां कुछ उपाय दिए गए हैं जिनसे आप अपने व्यापार को बढ़ा सकते हैं:
- मां लक्ष्मी की पूजा: नवरात्रि के दौरान मां लक्ष्मी की पूजा करने से व्यापार में धन और समृद्धि आती है। मां लक्ष्मी को कमल का फूल और खीर का भोग लगाएं।
- मां सरस्वती की पूजा: नवरात्रि के दौरान मां सरस्वती की पूजा करने से व्यापार में ज्ञान और बुद्धि बढ़ती है। मां सरस्वती को सफेद फूल और मिठाई का भोग लगाएं।
- मां दुर्गा के 32 नामों का जाप: नवरात्रि के दौरान मां दुर्गा के 32 नामों का जाप करने से व्यापार में आने वाली बाधाएं दूर होती हैं।
- व्यापार वृद्धि यंत्र: नवरात्रि के दौरान व्यापार वृद्धि यंत्र की स्थापना करने से व्यापार में लाभ होता है।
- नवरात्रि में दान: नवरात्रि के दौरान गरीबों और जरूरतमंदों को दान करने से व्यापार में पुण्य बढ़ता है।
- व्यापार स्थल की सफाई: नवरात्रि के दौरान अपने व्यापार स्थल को साफ और स्वच्छ रखें। इससे सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।
- नवरात्रि में हवन: नवरात्रि के दौरान हवन करने से व्यापार में आने वाली नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है।

व्यापार में सफलता के लिए कुछ अतिरिक्त उपाय:
- अपने ग्राहकों के साथ अच्छा व्यवहार करें।
- अपने कर्मचारियों को प्रोत्साहित करें।
- अपने व्यापार में नए विचारों को शामिल करें।
- अपने व्यापार का प्रचार करें।
- अपने व्यापार में ईमानदारी और निष्ठा बनाए रखें।
नवरात्रि का यह पावन पर्व मां दुर्गा की कृपा प्राप्त करने और अपने व्यापार को बढ़ाने का एक सुनहरा अवसर है। इस दौरान मां कूष्मांडा की पूजा करें और व्यापार वृद्धि के उपायों को अपनाएं।
नवरात्रि में व्यापार वृद्धि के लिए कुछ और महत्वपूर्ण बातें:
- नवरात्रि के पहले दिन अपने व्यापार स्थल पर मां दुर्गा की प्रतिमा या चित्र स्थापित करें।
- नवरात्रि के दौरान हर दिन मां दुर्गा की आरती करें।
- नवरात्रि के दौरान मां दुर्गा को लाल चुनरी और श्रृंगार की वस्तुएं अर्पित करें।
- नवरात्रि के दौरान मां दुर्गा को मिठाई और फल का भोग लगाएं।
- नवरात्रि के दौरान मां दुर्गा के मंत्रों का जाप करें।
- नवरात्रि के दौरान गरीबों और जरूरतमंदों को दान करें।
- नवरात्रि के दौरान अपने व्यापार स्थल को साफ और स्वच्छ रखें।
- नवरात्रि के दौरान अपने व्यापार में ईमानदारी और निष्ठा बनाए रखें।
- नवरात्रि के दौरान अपने ग्राहकों के साथ अच्छा व्यवहार करें।
- नवरात्रि के दौरान अपने कर्मचारियों को प्रोत्साहित करें।
- नवरात्रि के दौरान अपने व्यापार में नए विचारों को शामिल करें।
- नवरात्रि के दौरान अपने व्यापार का प्रचार करें।
इन उपायों को अपनाकर आप अपने व्यापार में सफलता प्राप्त कर सकते हैं।
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