India-Pakistan tension के बीच सरकार सतर्क: टेलीकॉम कंपनियों को आपातकालीन सुरक्षा उपायों के निर्देश

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India-Pakistan tension के बीच सरकार सतर्क: टेलीकॉम कंपनियों को आपातकालीन सुरक्षा उपायों के निर्देश

India-Pakistan tension: भारत-पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव और सीमावर्ती क्षेत्रों में आपात स्थितियों की संभावना को देखते हुए केंद्र सरकार ने देश की टेलीकॉम कंपनियों को सतर्क कर दिया है। संचार मंत्रालय (Department of Telecommunications – DoT) ने 7 मई 2025 को सभी टेलीकॉम सर्विस प्रोवाइडर्स (TSPs) और संबंधित अधिकारियों को एक अहम निर्देश जारी किया है। इस निर्देश का मुख्य उद्देश्य है देश की सीमाओं के पास संचार सेवाओं को किसी भी स्थिति में बाधित न होने देना और राष्ट्रीय सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता देना।

India-Pakistan tension सीमा से 100 किमी के दायरे में टेलीकॉम इंफ्रास्ट्रक्चर की लिस्ट अपडेट करने का आदेश

संचार मंत्रालय ने टेलीकॉम कंपनियों से स्पष्ट शब्दों में कहा है कि वे भारत की सीमा से 100 किलोमीटर के दायरे में मौजूद सभी महत्वपूर्ण टेलीकॉम इंफ्रास्ट्रक्चर की लिस्ट को अपडेट करें। यह कदम इसलिए उठाया गया है ताकि किसी भी आपातकालीन परिस्थिति में यह जानकारी तुरंत उपलब्ध हो सके और आवश्यक कार्रवाई की जा सके।

India-Pakistan tension डीजल, रिपेयर टूल्स और रिजर्व टीमें रहें तैयार

मंत्रालय ने निर्देश में कहा है कि सभी कंपनियां अपने नेटवर्क स्थलों पर डीजल जनरेटर के लिए ईंधन का पर्याप्त भंडारण करें। इसके अलावा, जरूरी रिपेयर टूल्स और तकनीकी उपकरणों से लैस रिजर्व टीमें भी तैयार रखनी हों, ताकि किसी भी प्रकार की सेवा बाधा आने पर तुरंत मरम्मत कर सेवाओं को बहाल किया जा सके।

India-Pakistan tension राज्य सरकारों से समन्वय कर कर्मचारियों की सुरक्षा सुनिश्चित करें

सरकार ने TSPs को यह भी निर्देश दिया है कि वे राज्य सरकारों और प्रशासन से समन्वय बनाएं, ताकि सीमावर्ती इलाकों में काम कर रहे टेलीकॉम कर्मचारियों की सुरक्षित आवाजाही और कार्यक्षमता सुनिश्चित की जा सके। इसके साथ ही, अगर रक्षा मंत्रालय की तरफ से किसी विशिष्ट तिथि पर संचार सेवा की आवश्यकता हो, तो उसे बिना किसी देरी के पूरा किया जाए।

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India-Pakistan tension ऑपरेशनल रेडीनेस और सिस्टम रेडंडेंसी की जांच जरूरी

DoT ने सभी टेलीकॉम कंपनियों से यह सुनिश्चित करने को भी कहा है कि वे अपने नेटवर्क की ऑपरेशनल रेडीनेस बनाए रखें। इसके तहत:

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India-Pakistan tension ICR (इंट्र-सर्कल रोमिंग) सुविधा का परीक्षण अनिवार्य

एक और अहम निर्देश में मंत्रालय ने यह भी कहा है कि सभी टेलीकॉम कंपनियां अपनी ICR (Intra-Circle Roaming) सुविधाओं का परीक्षण करें। इससे यह सुनिश्चित होगा कि जब कोई नेटवर्क अस्थायी रूप से बंद हो, तो दूसरे नेटवर्क की मदद से यूजर्स को सेवाएं मिलती रहें। आपातकाल में यह तकनीक संचार सेवाओं को बनाए रखने में बहुत सहायक होगी।

India-Pakistan tension समय-समय पर रिपोर्टिंग अनिवार्य

संचार मंत्रालय ने निर्देश में यह भी जोड़ा है कि सभी टेलीकॉम कंपनियां और संबंधित अधिकारी इमरजेंसी की तैयारियों की रिपोर्ट समय-समय पर मंत्रालय को भेजें। इससे केंद्र सरकार को यह सुनिश्चित करने में मदद मिलेगी कि सभी कंपनियां सुरक्षा मानकों पर खरी उतर रही हैं।

India-Pakistan tension सरकार की सतर्कता बढ़ी, कारण क्या?

इस निर्णय के पीछे सबसे बड़ा कारण है भारत-पाकिस्तान के बीच सीमा पर जारी तनाव, जो हाल के दिनों में फिर से बढ़ा है। खुफिया सूत्रों के अनुसार, सीमावर्ती इलाकों में संचार नेटवर्क को नुकसान पहुंचाने या बाधित करने की कोशिशें हो सकती हैं। ऐसे में केंद्र सरकार कोई जोखिम नहीं लेना चाहती। प्राकृतिक आपदाओं, सैन्य गतिविधियों या साइबर हमलों जैसी आपातकालीन स्थितियों में संचार सेवाएं ही सबसे पहला और अहम साधन होती हैं, जिसकी सहायता से बाकी तंत्र काम करता है।

India-Pakistan tension विशेषज्ञों की राय

टेलीकॉम विशेषज्ञों का मानना है कि सरकार का यह कदम काफी समयानुकूल और प्रभावी है। भारत में अब टेलीकॉम इंफ्रास्ट्रक्चर देश की रीढ़ बन चुका है—चाहे वो सेना की संचार व्यवस्था हो, डिजिटल सेवाएं हों या आम लोगों की बात-चीत। ऐसे में इसे सुरक्षित रखना सर्वोच्च प्राथमिकता होनी चाहिए।

भारत सरकार की यह कार्रवाई दिखाती है कि वह राष्ट्रीय सुरक्षा को लेकर कोई समझौता नहीं कर रही है। संचार सेवाओं को आपातकालीन स्थितियों में सक्रिय बनाए रखने की यह रणनीति न केवल सीमावर्ती इलाकों में बल्कि पूरे देश की सुरक्षा नीति का एक अहम हिस्सा बन चुकी है।

आने वाले दिनों में इन निर्देशों का पालन कितनी गंभीरता से किया जाता है, यह भी देखने वाली बात होगी। लेकिन स्पष्ट है कि सरकार हर स्तर पर तैयार रहना चाहती है—चाहे वो सैन्य खतरा हो, साइबर अटैक हो या प्राकृतिक आपदा।

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