100% Corporate Health Insurance का कवर Job जाने के बाद भी मिलेगा? सच जानें अब
Health Insurance: नौकरी जाने या छोड़ने के बाद कॉर्पोरेट हेल्थ इंश्योरेंस (Health Insurance) का क्या होगा, यह सवाल हर कर्मचारी के मन में उठता है। यह इंश्योरेंस आमतौर पर नियोक्ताओं द्वारा कर्मचारियों को दिया जाता है और उनके स्वास्थ्य संबंधी खर्चों को कवर करता है। लेकिन नौकरी छूटने के बाद क्या यह इंश्योरेंस जारी रहता है? आइए इस विषय को विस्तार से समझते हैं।
कॉर्पोरेट Health Insurance क्या है?
कॉर्पोरेट Health Insurance, जिसे ग्रुप हेल्थ इंश्योरेंस भी कहा जाता है, एक ऐसी बीमा पॉलिसी होती है जो किसी कंपनी द्वारा अपने कर्मचारियों को दी जाती है। इसमें कर्मचारी और उसके परिवार को मेडिकल खर्चों से सुरक्षा मिलती है। यह पॉलिसी तब तक मान्य रहती है जब तक कर्मचारी उस कंपनी में कार्यरत होता है। लेकिन नौकरी छूटने या बदलने की स्थिति में इस पॉलिसी का क्या होता है, यह जानना आवश्यक है।
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नौकरी जाने के बाद क्या होगा?
जब कोई कर्मचारी नौकरी छोड़ता है या छंटनी का शिकार होता है, तो उसकी कॉर्पोरेट हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी आमतौर पर समाप्त हो जाती है। यह पॉलिसी केवल नौकरी की अवधि तक ही वैध होती है। नौकरी छूटने के बाद, यदि कोई गंभीर बीमारी या आकस्मिक चिकित्सा स्थिति उत्पन्न होती है, तो कर्मचारी को पूरा खर्च खुद वहन करना पड़ सकता है।
कर्मचारियों के पास क्या विकल्प हैं?
अगर नौकरी छूटने के बाद हेल्थ इंश्योरेंस जारी नहीं रहता है, तो इसके समाधान के लिए कर्मचारियों के पास कई विकल्प होते हैं:

1. नई पर्सनल पॉलिसी खरीदें
कॉर्पोरेट हेल्थ इंश्योरेंस के समाप्त होने के बाद सबसे अच्छा विकल्प यह है कि आप खुद का हेल्थ इंश्योरेंस खरीद लें। हालांकि यह कॉर्पोरेट पॉलिसी की तुलना में महंगा हो सकता है, लेकिन यह आपको लंबे समय तक सुरक्षा प्रदान करेगा। पर्सनल हेल्थ इंश्योरेंस लेने से आपके कवर में कोई ब्रेक नहीं आएगा और आप बिना किसी चिंता के अपनी चिकित्सा आवश्यकताओं को पूरा कर सकते हैं।
2. इमरजेंसी बैकअप रखें
एक बेहतर रणनीति यह होगी कि आप कॉर्पोरेट पॉलिसी के साथ-साथ पहले से ही अपनी पर्सनल पॉलिसी भी रखें। इससे यदि कभी नौकरी छूटती है तो आपको मेडिकल कवरेज को लेकर चिंता नहीं करनी पड़ेगी। आपकी पर्सनल हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी आपको नौकरी जाने के बाद भी निरंतर सुरक्षा देती रहेगी।
3. पॉलिसी पोर्ट कराएं
बीमा नियामक और विकास प्राधिकरण (IRDA) के अनुसार, आप अपने ग्रुप हेल्थ इंश्योरेंस को व्यक्तिगत हेल्थ इंश्योरेंस में बदल सकते हैं। हालांकि, इसके लिए आपको अधिक प्रीमियम देना पड़ सकता है।
- कंपनी छोड़ने से पहले अपने एचआर (HR) या बीमा प्रदाता से यह जानकारी प्राप्त करें कि क्या आपकी ग्रुप हेल्थ पॉलिसी को व्यक्तिगत पॉलिसी में बदला जा सकता है।
- ग्रुप इंश्योरेंस में आमतौर पर कोई वेटिंग पीरियड (Waiting Period) नहीं होता, लेकिन जब इसे पर्सनल पॉलिसी में पोर्ट किया जाता है, तो कुछ शर्तें लागू हो सकती हैं।
- पॉलिसी पोर्ट करने पर पहले से चले आ रहे वेटिंग पीरियड को भी ट्रांसफर किया जा सकता है।
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पॉलिसी स्विच कैसे करें?
अगर आप कॉर्पोरेट हेल्थ इंश्योरेंस से व्यक्तिगत हेल्थ इंश्योरेंस में स्विच करना चाहते हैं, तो आपको निम्नलिखित प्रक्रिया अपनानी होगी:
- जॉब छोड़ने से 45 दिन पहले अपने बीमा प्रदाता को सूचित करें कि आप अपनी ग्रुप पॉलिसी को व्यक्तिगत पॉलिसी में बदलना चाहते हैं।
- यदि आप 45 दिन पहले ऐसा नहीं कर पाते हैं, तो आपको अपने लास्ट वर्किंग डे से 5 दिन पहले तक यह आवेदन देना होगा।
- आवेदन में अपनी पसंद की हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी की जानकारी दें।
- आवेदन जमा करने के बाद बीमा कंपनी 15 दिनों के भीतर सूचित करेगी कि आप अपनी पसंद की पॉलिसी लेने के लिए पात्र हैं या नहीं।
क्यों जरूरी है पर्सनल Health Insurance?
कॉर्पोरेट हेल्थ इंश्योरेंस केवल तब तक वैध होता है जब तक आप उस कंपनी में कार्यरत रहते हैं। इसलिए, पर्सनल हेल्थ इंश्योरेंस लेना एक समझदारी भरा फैसला होता है। आइए जानते हैं कि यह क्यों जरूरी है:
1. फ्लेक्सिबिलिटी (लचीलापन)
- पर्सनल हेल्थ इंश्योरेंस को आप अपनी जरूरतों के हिसाब से कस्टमाइज कर सकते हैं।
- इसमें आप अपनी आवश्यकताओं के अनुसार अतिरिक्त कवर (राइडर्स) जोड़ सकते हैं।
2. ज्यादा कवर लिमिट
- कॉर्पोरेट हेल्थ प्लान में आमतौर पर कवर लिमिट कम होती है।
- पर्सनल पॉलिसी में आप अपनी जरूरत के हिसाब से अधिक कवर का चयन कर सकते हैं।
3. लॉन्ग टर्म सिक्योरिटी
- कॉर्पोरेट हेल्थ इंश्योरेंस आपके रोजगार पर निर्भर होता है, लेकिन पर्सनल हेल्थ इंश्योरेंस आपको जीवनभर सुरक्षा देता है।
- यह रिटायरमेंट के बाद भी जारी रह सकता है।
अगर आप नौकरी छोड़ रहे हैं या छंटनी के कारण आपकी नौकरी चली गई है, तो यह सुनिश्चित करें कि आपका हेल्थ इंश्योरेंस कवर बना रहे। कॉर्पोरेट हेल्थ इंश्योरेंस नौकरी के साथ ही समाप्त हो जाता है, इसलिए आपके पास पर्सनल हेल्थ इंश्योरेंस का विकल्प होना चाहिए। आप चाहें तो अपनी ग्रुप पॉलिसी को व्यक्तिगत पॉलिसी में पोर्ट करा सकते हैं, या फिर नई पर्सनल पॉलिसी ले सकते हैं। हेल्थ इंश्योरेंस आपके और आपके परिवार के लिए बेहद जरूरी है, इसलिए इसे लेकर लापरवाही न करें और समय रहते सही निर्णय लें।
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