Falgun Amavasya 2025 :- स्नान एवं शुभ मुहूर्त

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IMG-20250227-WA0000-300x169 Falgun Amavasya 2025 :- स्नान एवं शुभ मुहूर्त

falgun amavasya 2025:- फाल्गुन अमावस्या 2025: जानें स्नान, दान और शुभ मुहूर्त

हिंदू पंचांग के अनुसार फाल्गुन कृष्ण पक्ष की अमावस्या को फाल्गुनी अमावस्या कहा जाता है। यह तिथि धार्मिक और आध्यात्मिक दृष्टि से बहुत ही महत्वपूर्ण मानी जाती है। इस दिन स्नान, दान और तर्पण करने से पुण्य की प्राप्ति होती है। फाल्गुन अमावस्या का विशेष महत्व इसलिए भी बढ़ जाता है क्योंकि इसके एक दिन पहले महाशिवरात्रि का पावन पर्व मनाया जाता है। इस दिन गंगा स्नान और दान-पुण्य करने से विशेष लाभ मिलता है।

falgun amavasya 2025 तिथि प्रारंभ: 27 फरवरी 2025, प्रातः 8:54 मिनट
अमावस्या तिथि समाप्त: 28 फरवरी 2025, प्रातः 6:14 मिनट

Falgun Amavasya 2025 का महत्व

फाल्गुन अमावस्या को पवित्र नदियों में स्नान, दान और पितृ तर्पण का विशेष महत्व होता है। मान्यता है कि इस दिन गंगा, यमुना, नर्मदा, गोदावरी, सरस्वती और क्षिप्रा जैसी पवित्र नदियों में स्नान करने से समस्त पापों का नाश होता है और मोक्ष की प्राप्ति होती है।

Falgun Amavasya 2025 का धार्मिक महत्व:
पितरों को प्रसन्न करने के लिए इस दिन तर्पण और श्राद्ध किया जाता है।
इस दिन किए गए दान-पुण्य का सौगुना फल प्राप्त होता है।
पवित्र नदी में स्नान करने से शरीर और मन शुद्ध होते हैं।
शिव जी की पूजा करने से मनोकामनाएं पूरी होती हैं।

Falgun Amavasya 2025 के शुभ मुहूर्त
1. पूजा-पाठ के शुभ मुहूर्त:
ब्रह्म मुहूर्त: प्रातः 5:09 मिनट से 5:58 मिनट तक
गोधूलि मुहूर्त: सायं 6:07 मिनट से 6:42 मिनट तक
निशिता मुहूर्त: 28 फरवरी, रात्रि 12:08 मिनट से 12:58 मिनट तक
2. स्नान और दान के लिए शुभ मुहूर्त:
ब्रह्म मुहूर्त: प्रातः 5:09 मिनट से 5:58 मिनट तक
अभिजीत मुहूर्त: दोपहर 12:11 मिनट से 12:57 मिनट तक
इन दोनों मुहूर्तों में स्नान और दान करना अत्यंत शुभ माना जाता है। हालांकि, पूरे दिन किसी भी समय स्नान और दान किया जा सकता है।

Falgun Amavasya 2025 पर किए जाने वाले कार्य
1. गंगा स्नान और तर्पण
इस दिन पवित्र नदियों में स्नान करने से पुण्य की प्राप्ति होती है। यदि नदी में स्नान संभव न हो तो घर में पानी में गंगाजल मिलाकर स्नान करें। स्नान के बाद पितरों का तर्पण करना आवश्यक होता है।

2. दान-पुण्य
इस दिन गरीबों को अन्न, वस्त्र, तिल, गुड़, और कंबल का दान करना चाहिए।
ब्राह्मणों को भोजन कराने से भी विशेष पुण्य मिलता है।
मंदिरों में दीप दान करने से भगवान का आशीर्वाद प्राप्त होता है।
3. शिव पूजा और मंत्र जाप
फाल्गुन अमावस्या के दिन शिवलिंग पर जल, दूध, बेलपत्र, धतूरा और भस्म चढ़ाना शुभ माना जाता है।
इस दिन ॐ नमः शिवाय और महा मृत्युंजय मंत्र का जाप करने से सभी परेशानियों का अंत होता है।

Falgun Amavasya 2025 में किन चीजों से बचें?
क्रोध और झूठ – इस दिन किसी से झूठ न बोलें और क्रोध से बचें।
नकारात्मक विचार – मन में नकारात्मकता न आने दें और हमेशा शुभ कार्यों में लगे रहें।
अनैतिक कार्य – नशा, मांसाहार और किसी भी प्रकार के अनैतिक कार्यों से दूर रहें।

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