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Fall in stock market: worry or opportunity for investors

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Fall in stock market: worry or opportunity for investors

शेयर बाजार में गिरावट, निवेशकों के लिए चिंता या अवसर

शेयर बाजार का हालिया परिदृश्य निवेशकों के लिए चिंताजनक बना हुआ है। फरवरी के आखिरी कारोबारी दिन भी बाजार में गिरावट देखने को मिली, जिससे लगातार पांचवें महीने बाजार लाल निशान में रहा। निफ्टी की औपचारिक शुरुआत 1996 में हुई थी, और तब से यह पहली बार हुआ है जब निफ्टी लगातार पांच महीनों तक गिरावट झेल रहा है। सितंबर 2023 से बाजार में गिरावट का दौर शुरू हुआ, जिसके परिणामस्वरूप निवेशकों के लगभग 85 लाख करोड़ रुपये स्वाहा हो गए।
IMG-20250228-WA0002 Fall in stock market: worry or opportunity for investors

Fall in stock market:- इतिहास में ऐसा पहली बार

अगर इतिहास पर नजर डालें तो निफ्टी में चार या उससे अधिक महीनों तक गिरावट केवल छह बार हुई है। सबसे लंबी गिरावट सितंबर 1994 से अप्रैल 1995 के बीच देखी गई थी, जब निफ्टी लगातार आठ महीनों तक गिरा और 31.4% तक नीचे आया। हालांकि, यह निफ्टी के आधिकारिक लॉन्च से पहले की बात है। निफ्टी की औपचारिक शुरुआत 22 अप्रैल 1996 को हुई थी, और इसके बाद सबसे बुरी गिरावट जुलाई से नवंबर 1996 के बीच दर्ज की गई थी, जब पांच महीने की गिरावट के दौरान निफ्टी 26% नीचे आया था। मौजूदा गिरावट अभी तक 11.68% की रही है, जो पिछली बड़ी गिरावटों की तुलना में अपेक्षाकृत कम है।

Fall in stock market:- बाजार पूंजीकरण में गिरावट

सितंबर में जब बाजार अपने चरम पर था, तब से अब तक निवेशकों की संपत्ति में भारी गिरावट आई है। बीएसई लिस्टेड कंपनियों का कुल बाजार पूंजीकरण 85 लाख करोड़ रुपये घटकर 393 लाख करोड़ रुपये रह गया है।
निफ्टी: अपने उच्चतम स्तर से 14% नीचे
निफ्टी नेक्स्ट 50: लगभग 25% नीचे
स्मॉलकैप और माइक्रोकैप शेयरों में 24-25% की गिरावट
इससे स्पष्ट है कि बाजार में बड़े पैमाने पर गिरावट आई है और कई शेयर बियर मार्केट में चले गए हैं। जब किसी सूचकांक में 20% से अधिक की गिरावट आ जाती है, तो उसे बियर मार्केट कहा जाता है।

आगे की रणनीति क्या होनी चाहिए?
निवेशकों के सामने सबसे बड़ा सवाल यही है कि क्या यह गिरावट अपने अंत के करीब है या आगे और गिरावट देखने को मिलेगी? Emkay Global का मानना है कि इस गिरावट के कारण शेयरों का मूल्यांकन कम हो गया है।
निफ्टी 22,500 के नीचे ज्यादा आकर्षक लग रहा है। उनका सुझाव है कि RBI के नरम रुख के कारण वित्तीय शेयरों में निवेश करना लाभदायक हो सकता है। हालांकि, अभी भी निवेशकों को सतर्कता बरतने की सलाह दी जा रही है।

ब्रोकरेज फर्म्स के अनुसार, कुछ सेक्टर्स में निवेश करना समझदारी हो सकती है:

कंज्यूमर डिस्क्रेशनरी
हेल्थकेयर
टेलिकॉम

Fall in stock market:आने वाले दिनों में बाजार की दिशा

Kotak Institutional Equities का मानना है कि इस साल निफ्टी सीमित दायरे में ही रहेगा। उनके मुताबिक, मार्च 2026 के अनुमानित P/E अनुपात के आधार पर निफ्टी अभी भी MSCI EM इंडेक्स से 90% अधिक मूल्यांकन पर कारोबार कर रहा है।
इससे संकेत मिलता है कि कमाई की वृद्धि दर धीमी हो सकती है और अल्पावधि में कोई विशेष तेजी की संभावना नहीं है। हालांकि, मध्यम अवधि में बाजार में सुधार की उम्मीद की जा सकती है।

Fall in stock market: विदेशी निवेशकों की बिकवाली का असर
अक्टूबर 2024 से अब तक विदेशी संस्थागत निवेशकों (FII) ने भारतीय शेयरों और बॉन्ड से 20 अरब डॉलर से अधिक की निकासी की है। यह भारतीय शेयर बाजार के इतिहास में सबसे बड़ी निकासी में से एक है।
Prabhudas Lilladher का कहना है कि: वैश्विक अनिश्चितता और घरेलू मांग में कमी से बाजार में अस्थिरता बनी रह सकती है। FII की बिकवाली आमतौर पर 4-9 महीनों के भीतर अपने चरम पर पहुंचती है, इसलिए संभावना है कि आगे चलकर बिकवाली धीमी हो जाए। वित्त वर्ष 2026 में बढ़ते पूंजीगत व्यय और संभावित कर कटौती के कारण भारत की विकास दर में सुधार हो सकता है।

Fall in stock market:- सबसे बड़ी गिरावटों से तुलना

हालांकि मौजूदा गिरावट सबसे लंबी मासिक गिरावट है, लेकिन यह पिछली बड़ी गिरावटों की तुलना में कम गंभीर है।
1994-95 में निफ्टी 31.4% गिरा था।
1996 में निफ्टी 26% गिरा था।
2008 के वित्तीय संकट और 2020 के COVID-19 क्रैश के दौरान भी बाजार में इससे बड़ी गिरावट आई थी।

Fall in stock market:- निवेशकों के लिए संदेश

वर्तमान में बाजार की चुनौतीपूर्ण बनी हुई है, लेकिन इतिहास गवाह है कि गिरावट के बाद मजबूत रिकवरी भी होती है। ऐसे में निवेशकों को घबराने की बजाय लॉन्ग-टर्म निवेश रणनीति पर ध्यान देना चाहिए। बाजार के दिग्गज निवेशकों की सलाह के अनुसार, निवेशकों को गुणवत्तापूर्ण शेयरों में बने रहना चाहिए और जल्दबाजी में नुकसान उठाने से बचना चाहिए।

क्या यह गिरावट का अंत है या आगे और गिरावट होगी? इसका जवाब आने वाले महीनों में मिलेगा, लेकिन इतिहास बताता है कि धैर्य और विवेकपूर्ण निवेश रणनीति हमेशा फायदेमंद साबित होती है।

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