India Tax: Samsung को लगा बड़ा झटका, चुकाने होंगे 5 करोड़ रुपये
India Tax: भारत में सैमसंग के लिए मुश्किलें बढ़ गई हैं। भारत सरकार ने सैमसंग को 5,140 करोड़ रुपये से ज्यादा का पिछला टैक्स और जुर्माना चुकाने का आदेश दिया है। यह टैक्स और जुर्माना उस समय का है जब सैमसंग ने अपने टेलीकॉम इक्विपमेंट के इम्पोर्ट पर टैरिफ बचाने की कोशिश की थी। यह मामला हाल के वर्षों में सबसे बड़ी टैक्स डिमांड्स में से एक है।
सैमसंग का व्यवसाय और लाभ
सैमसंग एक बड़ी इलेक्ट्रॉनिक्स कंपनी है और इसका स्मार्टफोन और कंज्यूमर इलेक्ट्रॉनिक्स मार्केट में बहुत बड़ा हिस्सा है। इसके अलावा, सैमसंग की एक नेटवर्क डिविजन भी है, जो टेलीकॉम इक्विपमेंट का इम्पोर्ट करती है। पिछले वर्ष (2024) सैमसंग ने भारत में 95 करोड़ डॉलर से अधिक का नेट प्रॉफिट कमाया था। इसके बावजूद, अब कंपनी को भारत में टैक्स और जुर्माने का सामना करना पड़ रहा है।
क्या हुआ था?
सैमसंग पर आरोप है कि उसने अपने टेलीकॉम इक्विपमेंट का इम्पोर्ट करते समय गलत क्लासिफिकेशन किया था, जिससे उसने टैक्स की चोरी की। इस मामले में, सैमसंग ने रिलायंस जियो जैसी टेलीकॉम कंपनियों को अपने उत्पाद बेचे थे। रिलायंस जियो, जो मुकेश अंबानी की टेलीकॉम सर्विस है, ने सैमसंग के इन उत्पादों का इस्तेमाल किया था।
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दरअसल, सैमसंग ने भारत में इम्पोर्ट किए गए टेलीकॉम इक्विपमेंट पर टैक्स बचाने के लिए उन्हें गलत तरीके से क्लासिफाई कर दिया था। इस प्रकार के गलत क्लासिफिकेशन की संभावना को लेकर सैमसंग को दो साल पहले ही एक चेतावनी दी गई थी, लेकिन कंपनी ने इसके बावजूद नियमों का पालन नहीं किया।
कस्टम्स का आरोप और सैमसंग का बचाव
भारत के कस्टम्स अथॉरिटीज ने सैमसंग के खिलाफ जांच की और पाया कि कंपनी ने जानबूझ कर कस्टम्स के सामने गलत दस्तावेज प्रस्तुत किए थे। इसके बाद कस्टम्स ने एक आदेश जारी किया, जिसमें सैमसंग को टैक्स का भुगतान करने और जुर्माना चुकाने का आदेश दिया गया।
सैमसंग ने इस आदेश को चुनौती दी और कहा कि यह मुद्दा कस्टम्स की ओर से गुड्स के क्लासिफिकेशन की व्याख्या से जुड़ा हुआ है। सैमसंग का कहना था कि उसने भारतीय कस्टम्स कानूनों का उल्लंघन नहीं किया और वह हमेशा भारतीय कानूनों का पालन करती है।


कस्टम्स का आदेश और सैमसंग के खिलाफ कार्रवाई
हालांकि, कस्टम्स ने सैमसंग की दलील को खारिज कर दिया और आदेश जारी किया कि कंपनी ने भारत के कस्टम्स कानूनों का उल्लंघन किया है। इस आदेश में कस्टम्स कमिश्नर सोनल बजाज ने कहा कि सैमसंग ने जानबूझ कर अपने मुनाफे को बढ़ाने के लिए इंडस्ट्री के स्टैंडर्ड्स और नैतिक मूल्यों का उल्लंघन किया।
कस्टम्स ने यह भी कहा कि सैमसंग के सात उच्च अधिकारियों पर जुर्माना लगाया गया है, जिनमें सैमसंग की नेटवर्क डिविजन के वाइस प्रेसिडेंट, सुंग बीम हांग, चीफ फाइनेंशियल ऑफिसर, डोंग वोन चू, जनरल मैनेजर (फाइनेंस), शीटल जैन और जनरल मैनेजर (इनडायरेक्ट टैक्सेज), निखिल अग्रवाल शामिल हैं। इन अधिकारियों पर 8.1 करोड़ डॉलर (लगभग 670 करोड़ रुपये) का जुर्माना लगाया गया है।
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सैमसंग के अधिकारी और जुर्माना
सैमसंग के सात अधिकारियों पर यह जुर्माना उनके व्यापारिक फैसलों के कारण लगाया गया है। कस्टम्स ने इन अधिकारियों को जिम्मेदार ठहराया है क्योंकि उनके नेतृत्व में सैमसंग ने कस्टम्स ड्यूटी से बचने के लिए गलत दस्तावेज प्रस्तुत किए थे। यह जुर्माना सैमसंग के अधिकारियों को व्यक्तिगत रूप से भुगतना होगा।
सैमसंग के अधिकारियों ने इस जुर्माने को चुनौती दी है, लेकिन कस्टम्स ने इसे बरकरार रखा है। अब सैमसंग और उसके अधिकारियों को इस मामले में कानूनी लड़ाई का सामना करना पड़ सकता है।
सैमसंग का बयान
इस पूरे मामले पर सैमसंग ने एक स्टेटमेंट जारी किया है, जिसमें कंपनी ने कहा कि यह मुद्दा कस्टम्स के क्लासिफिकेशन की व्याख्या से संबंधित है। सैमसंग ने यह भी कहा कि वह हमेशा भारतीय कस्टम्स कानूनों का पालन करती है और इस मामले को सही तरीके से सुलझाने के लिए कदम उठा रही है।
इस मामले का महत्व
यह मामला इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि सैमसंग जैसी बड़ी और वैश्विक कंपनी को भारत में इतना बड़ा जुर्माना और टैक्स चुकाना पड़ा है। यह भारत में टैक्स और कस्टम्स नियमों का उल्लंघन करने वाली कंपनियों के लिए एक चेतावनी हो सकता है। भारत सरकार अब और सख्त हो सकती है और अन्य कंपनियों को भी यह दिखाने का प्रयास कर सकती है कि कस्टम्स कानूनों का उल्लंघन स्वीकार नहीं किया जाएगा।
इसके अलावा, यह भी दिखाता है कि भारत में विदेशी कंपनियों को अपने कारोबार के लिए कड़ी नियमों का पालन करना पड़ता है। यदि कंपनियां इन नियमों का पालन नहीं करतीं, तो उन्हें बड़ी कीमत चुकानी पड़ सकती है।
सैमसंग का यह मामला एक महत्वपूर्ण उदाहरण है कि कैसे बड़े व्यापारिक फैसले और कस्टम्स नियमों का उल्लंघन कंपनियों के लिए भारी पड़ सकते हैं। अब देखना यह होगा कि सैमसंग इस मामले को कैसे सुलझाती है और भारत में अपने व्यवसाय को कैसे चलाती है। इस मामले में सैमसंग को एक बड़ा वित्तीय नुकसान हुआ है, और यह इस बात का संकेत है कि भारत में टैक्स और कस्टम्स नियमों का उल्लंघन करने वाली कंपनियों के लिए सख्त कार्रवाई की जाएगी।
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