LIC पोर्टफोलियो में 12% की भारी गिरावट, जानिए इसकी बड़ी वजह!
LIC: देश की सबसे बड़ी बीमा कंपनी, लाइफ इंश्योरेंस कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया (LIC), इन दिनों शेयर बाजार में दबाव झेल रही है। हाल ही में LIC के शेयरों में 12% तक की गिरावट दर्ज की गई है, जिससे निवेशकों में चिंता बढ़ गई है।
कोटक इंस्टीट्यूशनल इक्विटीज ने LIC के शेयरों पर अपनी राय देते हुए कहा कि यह अभी भी खरीदने लायक स्टॉक है, लेकिन इसके टारगेट प्राइस को घटाकर ₹1,175 कर दिया गया है, जो पहले ₹1,250 था।
क्यों गिर रहे हैं LIC के शेयर:
ब्रोकरेज फर्म कोटक का कहना है कि LIC के शेयरों की कीमतों पर कई कारक असर डाल रहे हैं। सबसे बड़ा कारण है सरेंडर वैल्यू गाइडलाइंस, जिसके बाद कंपनी के शेयरों में गिरावट देखी गई। इसके अलावा, कंपनी के व्यापार में सुस्ती आने से भी निवेशकों का भरोसा थोड़ा कमजोर हुआ है।
LIC के वैल्यूएशन पर असर
एलआईसी के एम्बेडेड वैल्यू (EV) पर शेयर बाजार के ट्रेंड का सीधा असर पड़ता है। कोटक की रिपोर्ट के अनुसार, EV पर इसका प्रभाव 50% से भी ज्यादा होता है। साथ ही, कंपनी के वार्षिक प्रीमियम समतुल्य (APE) में गिरावट दर्ज की गई है, जिससे इसके कारोबार पर दबाव बना हुआ है।
एलआईसी के इक्विटी इन्वेस्टमेंट में गिरावट
मार्च 2025 की तिमाही में एलआईसी के इक्विटी इन्वेस्टमेंट बुक का कुल मूल्य 6.9% गिरकर ₹13,73,900 करोड़ रह गया, जबकि 2024 के अंत में यह ₹14,76,300 करोड़ था। सितंबर 2024 से अब तक एलआईसी के कुल इक्विटी पोर्टफोलियो में 12% की गिरावट दर्ज की गई है। हालांकि, वित्त वर्ष 2025 की शुरुआत से अब तक इसमें 2.2% की बढ़त भी देखी गई है।
एलआईसी का निवेश बीएसई 200 कंपनियों में 1% या उससे अधिक की हिस्सेदारी रखने वाले शेयरों में फैला हुआ है। इससे यह पता चलता है कि बाजार में उतार-चढ़ाव का एलआईसी के कुल निवेश पर बड़ा असर पड़ता है।

सरेंडर वैल्यू गाइडलाइंस का प्रभाव
एलआईसी ने सरेंडर वैल्यू गाइडलाइंस लागू होने के बाद अपने कमीशन स्ट्रक्चर और प्रोडक्ट्स की कीमतों में बदलाव किए। यह बदलाव इस उद्देश्य से किए गए ताकि ग्राहकों को बेहतर सेवाएं दी जा सकें और नए ग्राहक जोड़े जा सकें। हालांकि, अक्टूबर 2024 से लागू हुए नए कमीशन स्ट्रक्चर का एलआईसी के व्यापार पर नकारात्मक असर देखा गया, जिससे बिक्री में मंदी आ गई।
यह भी पढ़ें :-
Apple Share Price 2025: इतिहास, वर्तमान स्थिति Bullish Trend
एलआईसी की तिमाही रिपोर्ट
तीसरी तिमाही (Q3FY25): APE (Annual Premium Equivalent) में 24% की गिरावट।
पहली छमाही (1HFY25): 24% की बढ़त के बावजूद बाद में मंदी।
जनवरी 2025: 11% की गिरावट।
फरवरी 2025: 21% की गिरावट।
मार्च 2025: आमतौर पर यह महीना बीमा कंपनियों के लिए अच्छा होता है, इसलिए इसमें बेहतर प्रदर्शन की उम्मीद की जा रही है।
नई रणनीतियों पर काम कर रही एलआईसी
एलआईसी ने पिछले कुछ तिमाहियों में कई नॉन-पार्टिसिपेटिंग (नॉन-पार) प्रोडक्ट्स लॉन्च किए हैं। इसके अलावा, हाल ही में एक नया पेंशन प्रोडक्ट भी लॉन्च किया गया है, जिससे हाई-मार्जिन बिजनेस को बढ़ावा मिल सकता है।
एलआईसी की मौजूदा चुनौतियों को देखते हुए कंपनी नई रणनीतियों पर काम कर रही है ताकि आने वाले समय में इसका कारोबार बेहतर हो सके। निवेशकों को उम्मीद है कि मार्च 2025 की तिमाही में एलआईसी बेहतर प्रदर्शन कर सकता है, जिससे इसके शेयरों में फिर से तेजी देखने को मिल सकती है।
हालांकि एलआईसी के शेयरों में गिरावट दर्ज की गई है, लेकिन यह अभी भी एक मजबूत कंपनी बनी हुई है। विशेषज्ञों का मानना है कि यदि कंपनी अपनी रणनीतियों को सही दिशा में लागू करती है, तो आने वाले महीनों में इसके शेयरों में फिर से तेजी देखने को मिल सकती है।
यह भी पढ़ें :-
म्यूचुअल फंड में निवेश करने से पहले जानें सही तरीका
नुपूर शर्मा एक अनुभवी ब्लॉगर और लेखक हैं, जो Digital Khabar Junction के संस्थापक हैं। वे भारत और दुनिया भर की ताजा खबरों को हिंदी में प्रस्तुत करने के लिए समर्पित हैं।
उन्हें बिज़नेस, मनोरंजन, शिक्षा, धर्म, ऑटोमोबाइल, बॉलीवुड, हॉलीवुड और तकनीक जैसे विविध विषयों पर लिखने का गहरा अनुभव है। उनकी लेखन शैली सरल, रोचक और सूचनाप्रद होती है, जिससे पाठकों को हर खबर का सही और सटीक विश्लेषण प्राप्त होता है।
का उद्देश्य पाठकों तक सटीक और प्रामाणिक जानकारी पहुँचाना है, ताकि वे हमेशा अपडेटेड रहें। उनकी मेहनत और समर्पण ने ‘Digital Khabar Junction‘ को विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट बनाने में मदद की है।
यदि आप किसी विषय पर सुझाव देना चाहते हैं या किसी भी प्रकार की प्रतिक्रिया देना चाहते हैं, तो आप हमसे संपर्क कर सकते हैं।