Panchang 10 April 2025: त्रयोदशी तिथि, जानें शुभ मुहूर्त, राहुकाल और खास ज्योतिषीय योग

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Panchang 10 April 2025: त्रयोदशी तिथि, जानें शुभ मुहूर्त, राहुकाल और खास ज्योतिषीय योग

Panchang 10 April 2025: भारतीय ज्योतिष में पंचांग का विशेष महत्व है। यह न केवल दिन के शुभ और अशुभ समय को दर्शाता है, बल्कि धार्मिक अनुष्ठानों, व्रत, त्योहारों और ग्रह-नक्षत्रों की स्थिति का भी विस्तृत विवरण प्रस्तुत करता है। Panchang 10 April 2025 धार्मिक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण है क्योंकि इस दिन महावीर स्वामी जयंती और प्रदोष व्रत जैसे शुभ अवसर हैं। आइए इस दिन के पंचांग का विस्तृत अध्ययन करते हैं।

Panchang 10 April 2025, गुरुवार का दिन है। बृहस्पति ग्रह का स्वामीत्व होने के कारण यह दिन विद्या, धन और धार्मिक कार्यों के लिए अत्यंत शुभ माना जाता है। गुरुवार को भगवान विष्णु की पूजा का विशेष महत्व होता है। इस दिन किए गए दान-पुण्य का कई गुना अधिक फल मिलता है।

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तिथि और पक्ष:

  • तिथि: शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि (Panchang 10 April 2025 को रात 10:55 बजे तक)
  • इसके बाद: चतुर्दशी तिथि प्रारंभ (रात 1:00 बजे तक)
  • पक्ष: शुक्ल पक्ष
  • मास: चैत्र मास (पूर्णिमांत और अमांत दोनों)
  • विक्रम संवत: 2082, कालयुक्त
  • शक संवत: 1947, विश्वावसु

शुक्ल पक्ष की तिथियां शुभ मानी जाती हैं। त्रयोदशी तिथि विशेष रूप से भगवान शिव की पूजा और प्रदोष व्रत के लिए उपयुक्त होती है।

नक्षत्र:

  • पूर्व फाल्गुनी नक्षत्र: 9 अप्रैल को सुबह 9:57 बजे से 10 अप्रैल को दोपहर 12:24 बजे तक
  • उत्तर फाल्गुनी नक्षत्र: 10 अप्रैल को दोपहर 12:24 बजे से 11 अप्रैल को दोपहर 3:10 बजे तक

पूर्व फाल्गुनी नक्षत्र शुभता, प्रेम और सौंदर्य का प्रतीक है, जबकि उत्तर फाल्गुनी नक्षत्र विद्या, प्रशासन और उच्च पदों से जुड़ा हुआ है। इस दिन उत्तर फाल्गुनी नक्षत्र प्रभावी रहेगा, जो सरकारी कार्यों और अनुबंधों के लिए लाभकारी हो सकता है।

योग:

  • वृद्धि योग: 9 अप्रैल को शाम 6:25 बजे से 10 अप्रैल को शाम 6:58 बजे तक
  • ध्रुव योग: 10 अप्रैल को शाम 6:58 बजे से 11 अप्रैल को शाम 7:45 बजे तक

वृद्धि योग किसी भी नए कार्य को शुरू करने और व्यवसाय में विस्तार के लिए शुभ माना जाता है। ध्रुव योग स्थिरता और दृढ़ संकल्प को दर्शाता है, जो दीर्घकालिक निवेश और निर्णयों के लिए लाभदायक है।

करण:

  • कौलव करण: सुबह 11:56 बजे तक
  • तैतिल करण: रात 1:01 बजे तक
  • गर करण: रात 2:10 बजे तक

करण किसी भी कार्य को करने की प्रवृत्ति को दर्शाता है। इस दिन तैतिल और गर करण महत्वपूर्ण होंगे, जो वित्तीय कार्यों और व्यवसायिक लेन-देन के लिए अनुकूल माने जाते हैं।

सूर्योदय और सूर्यास्त:

  • सूर्योदय: सुबह 6:14 बजे
  • सूर्यास्त: शाम 6:41 बजे

सूर्योदय और सूर्यास्त के समय का धार्मिक अनुष्ठानों में विशेष महत्व होता है। इस दिन ब्रह्म मुहूर्त में जागकर पूजा-अर्चना करना अत्यंत फलदायी रहेगा।

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चंद्रोदय और चंद्रास्त:

  • चंद्रोदय: शाम 4:40 बजे
  • चंद्रास्त: सुबह 5:06 बजे
  • चंद्रमा की स्थिति: सिंह राशि में शाम 7:04 बजे तक, फिर कन्या राशि में प्रवेश

चंद्रमा की राशि परिवर्तन व्यापार और मनःस्थिति पर गहरा प्रभाव डाल सकता है। सिंह राशि में चंद्रमा आत्मविश्वास बढ़ाता है, जबकि कन्या राशि में प्रवेश के बाद व्यावहारिकता और अनुशासन का प्रभाव रहेगा।

 शुभ मुहूर्त:

  • अभिजीत मुहूर्त: सुबह 11:57 बजे से दोपहर 12:48 बजे तक
  • रवि योग: पूरे दिन उपलब्ध

अभिजीत मुहूर्त दिन का सबसे शुभ समय माना जाता है। इस समय किए गए कार्य सफल होते हैं। रवि योग भी अत्यंत शुभ योगों में से एक है।

अशुभ समय:

  • राहु काल: दोपहर 2:01 बजे से 3:35 बजे तक
  • यमगंड काल: सुबह 6:14 बजे से 7:47 बजे तक
  • गुलिक काल: सुबह 9:21 बजे से 10:54 बजे तक
  • दुर्मुहूर्त: सुबह 10:23 बजे से 11:13 बजे तक और दोपहर 3:22 बजे से 4:12 बजे तक
  • वर्ज्य काल: रात 8:26 बजे से 10:13 बजे तक

राहु काल और यमगंड काल में शुभ कार्यों को करने से बचना चाहिए, जबकि दुर्मुहूर्त में भी महत्वपूर्ण निर्णय लेने से परहेज करना चाहिए।

प्रमुख व्रत एवं त्यौहार:

  • महावीर स्वामी जयंती: जैन धर्म के 24वें तीर्थंकर भगवान महावीर का जन्मोत्सव
  • प्रदोष व्रत: भगवान शिव को समर्पित यह व्रत स्वास्थ्य और समृद्धि प्रदान करता है।
  • अनंग त्रयोदशी व्रत: वैवाहिक जीवन को सुखद बनाने के लिए किया जाने वाला व्रत

दिशाशूल और यात्रा शकुन:

  • दिशाशूल: दक्षिण दिशा
  • यात्रा शकुन: बेसन से बनी मिठाई खाकर यात्रा पर निकलना शुभ होगा।
आज के विशेष उपाय:
  • भगवान विष्णु को पीले फूल अर्पित करें।
  • गुरु मंत्र “ॐ ग्रां ग्रीं ग्रौं स: गुरुवै नम:” का जाप करें।
  • गरीबों को केले और चने का दान करें।
  • पीपल के वृक्ष में जल अर्पित करें।
10 अप्रैल 2025 का दिन धार्मिक और ज्योतिषीय दृष्टि से अत्यंत शुभ है। यह दिन व्रत, पूजा-पाठ और आध्यात्मिक साधना के लिए विशेष रूप से महत्वपूर्ण रहेगा। ग्रह-नक्षत्रों की अनुकूल स्थिति इसे आर्थिक और व्यावसायिक दृष्टि से भी लाभकारी बनाती है। अतः, इस दिन सकारात्मक ऊर्जा को आत्मसात कर अपने जीवन को समृद्ध और सुखमय बनाने का प्रयास करें।

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