Panchang 17 April 2025: बैशाख कृष्ण पक्ष चतुर्थी, जानिए शुभ योग और Special Remedies
Panchang 17 April 2025: भारतीय संस्कृति में पंचांग का विशेष स्थान है। यह केवल तिथियों और नक्षत्रों की जानकारी नहीं देता, बल्कि यह हमारे जीवन को सही दिशा में ले जाने वाला मार्गदर्शक होता है। जो व्यक्ति पंचांग के अनुसार अपने कार्यों की योजना बनाता है, वह न केवल शुभता प्राप्त करता है, बल्कि जीवन में आने वाले अनेक संकटों से भी बच जाता है।
आज हम बात करेंगे Panchang 17 April 2025, दिन गुरुवार के विस्तृत पंचांग की, जिसमें तिथि, नक्षत्र, योग, करण, राहुकाल, शुभ मुहूर्त, ग्रह स्थिति, चंद्र राशि, सूर्योदय-सूर्यास्त का समय, चौघड़िया और विशेष उपायों को भी सरल भाषा में बताया गया है।
Panchang 17 April 2025: आज की तिथि और पक्ष
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तिथि: कृष्ण पक्ष की चतुर्थी, जो दोपहर 03:23 बजे तक रहेगी। इसके बाद पंचमी तिथि आरंभ होगी।
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पक्ष: कृष्ण पक्ष (अंधकार पक्ष)
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मास:
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अमांत मास: चैत्र
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पूर्णिमांत मास: बैशाख
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संवत्सर: विक्रम संवत 2082 (कालयुक्त), शक संवत 1947 (विश्वावसु)
धार्मिक महत्व:
चतुर्थी तिथि को भगवान श्रीगणेश की पूजा का विशेष महत्व होता है। इस दिन “संकष्टी चतुर्थी” भी मनाई जाती है यदि यह व्रत रात्रि में चंद्रमा के दर्शन के साथ किया जाए।

नक्षत्र, योग और करण
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नक्षत्र: ज्येष्ठा (सुबह 5:55 AM से अगले दिन सुबह 8:21 AM तक)
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ज्येष्ठा नक्षत्र एक गंडमूल नक्षत्र होता है, जो जन्म के लिए थोड़ा अशुभ माना जाता है। इसका शांति उपाय ब्राह्मण भोजन और विष्णु पूजा द्वारा किया जाता है।
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योग:
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वरीयान योग: 12:18 AM से 12:50 AM (अगले दिन)
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परिघ योग: 12:50 AM से अगले दिन 01:03 AM तक
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करण:
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बालव: 02:23 AM – 03:23 PM
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कौलव: 03:23 PM – अगले दिन 04:19 AM
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तैतिल: अगले दिन 04:19 AM – 05:07 PM
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Panchang 17 April 2025: सूर्योदय-सूर्यास्त और चंद्रमा का समय
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सूर्योदय: सुबह 6:08 AM
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सूर्यास्त: शाम 6:44 PM
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चंद्रोदय: रात 10:47 PM
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चंद्रास्त: अगले दिन सुबह 9:22 AM
चंद्रमा और सूर्य की राशि
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सूर्य: मेष राशि में स्थित
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चंद्रमा: पूरा दिन-रात वृश्चिक राशि में रहेगा
अशुभ काल (दोष समय)
शुभ कार्यों में इन समयों से बचना चाहिए:
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राहुकाल: 02:00 PM – 03:35 PM
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यमगण्ड काल: 06:08 AM – 07:42 AM
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गुलिक काल: 09:17 AM – 10:51 AM
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दुर्मुहूर्त:
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10:20 AM – 11:10 AM
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03:22 PM – 04:13 PM
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वर्ज्यम्: 12:05 PM – 01:51 PM
शुभ मुहूर्त (अच्छा समय)
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अभिजीत मुहूर्त: 12:01 PM – 12:51 PM (यह सबसे शुभ मुहूर्त माना जाता है)
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अमृत काल: 10:38 PM – 12:23 AM
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ब्रह्म मुहूर्त: 04:31 AM – 05:19 AM
चौघड़िया (दिन और रात का)
चौघड़िया का उपयोग विशेषकर यात्रा, नए कार्य आरंभ करने और व्यापारिक निर्णयों के लिए किया जाता है।
दिन का चौघड़िया:
समय | चौघड़िया |
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06:08 AM – 07:42 AM | शुभ |
07:42 AM – 09:17 AM | रोग |
09:17 AM – 10:51 AM | उद्बेग |
10:51 AM – 12:26 PM | चर |
12:26 PM – 02:00 PM | लाभ |
02:00 PM – 03:35 PM | अमृत |
03:35 PM – 05:10 PM | काल |
05:10 PM – 06:44 PM | शुभ |
रात का चौघड़िया (16 अप्रैल की रात से प्रारंभ):
रात्रि चौघड़िया विशेषकर व्रत, अनुष्ठान और तांत्रिक प्रयोगों के लिए उपयोगी होते हैं।


गुरुवार के दिन क्या करें?
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बृहस्पति देव और श्रीहरि विष्णु की पूजा करें।
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केले के पेड़ के नीचे दीपक जलाएं।
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“ॐ बृं बृहस्पतये नमः” मंत्र का जाप 108 बार करें।
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पीले वस्त्र धारण करें और पीले फल/भोजन का दान करें।
चतुर्थी पर श्रीगणेश पूजन:
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प्रातः स्नान करके गणेश जी की पूजा करें।
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दूर्वा, मोदक और लाल पुष्प अर्पित करें।
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“ॐ गण गणपतये नमः” का 108 बार जाप करें।
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चंद्रमा के दर्शन करें (रात्रि 10:47 PM के बाद)
Panchang 17 April 2025: चंद्र राशि के अनुसार राशिफल:
राशि | संक्षिप्त फल |
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मेष | धन लाभ संभव |
वृषभ | करियर में प्रगति |
मिथुन | वाणी में संयम रखें |
कर्क | मन शांत रहेगा |
सिंह | खर्च अधिक हो सकता है |
कन्या | भाग्य का साथ मिलेगा |
तुला | नए अवसर मिलेंगे |
वृश्चिक | चंद्रमा आपकी राशि में है – भावुकता अधिक |
धनु | सेहत का ध्यान रखें |
मकर | मित्रों से सहयोग |
कुंभ | व्यापार में लाभ |
मीन | उच्चाधिकारियों से सम्मान |
साधना और ध्यान के लिए विशेष योग
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ब्रह्म मुहूर्त में ध्यान और योग करने से मानसिक शांति मिलती है।
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अमृत काल में मंत्र जाप, जप, हवन और ध्यान अत्यंत फलदायी होता है।
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व्रत, पर्व और धार्मिक अनुष्ठान
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आज कोई विशेष पर्व नहीं है, परंतु गणेश चतुर्थी व्रत (संकष्टी) को मनाने वाले भक्त इस दिन रात्रि चंद्र दर्शन के साथ व्रत पूर्ण कर सकते हैं।
ज्योतिषीय विशेषता
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चंद्रमा वृश्चिक राशि में है, जो चंद्रमा की नीच राशि मानी जाती है। यह भावनाओं को तीव्र करता है। इसलिए इस दिन ध्यान, संयम और मौन का अभ्यास करना लाभकारी रहेगा।
ज्ञानवर्धक जानकारी
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पंचांग भारतीय खगोलविद्या का अद्भुत उदाहरण है। यह नक्षत्रों, तिथियों और योगों की गणना से समय की शुभता और अशुभता को बताता है।
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यह ज्ञान वैदिक काल से चला आ रहा है और आज भी उतना ही प्रासंगिक है।
Panchang 17 April 2025: को क्या न करें?
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दोपहर 2:00 से 3:35 तक कोई नया कार्य शुरू न करें (राहुकाल)
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गंडमूल नक्षत्र के कारण बच्चों के बाल काटना या विवाह का मुहूर्त टालें।
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वर्ज्य समय में कोई बड़ा निर्णय न लें।
Panchang 17 April 2025 का दिन धर्म, साधना और संयम का है। आज का पंचांग बताता है कि दिन का अधिकांश भाग धार्मिक कार्यों, ध्यान, साधना और संकल्पों के लिए उपयुक्त है। गणेश पूजन, विष्णु पूजा और गुरु के मंत्रों का जाप विशेष फलदायी रहेगा। राहुकाल, यमगण्ड और गंडमूल जैसे समयों से बचकर यदि कार्य किए जाएं, तो निश्चित ही सफलता प्राप्त होती है।


नुपूर शर्मा एक अनुभवी ब्लॉगर और लेखक हैं, जो Digital Khabar Junction के संस्थापक हैं। वे भारत और दुनिया भर की ताजा खबरों को हिंदी में प्रस्तुत करने के लिए समर्पित हैं।
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