Panchang 24 April 2025: चमत्कारी एकादशी! जानिए वैशाख कृष्ण एकादशी पर शुभ मुहूर्त, राहुकाल और क्या करें उपाय

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Panchang 24 April 2025: चमत्कारी एकादशी! जानिए वैशाख कृष्ण एकादशी पर शुभ मुहूर्त, राहुकाल और क्या करें उपाय

Panchang 24 April 2025: गुरुवार, 24 अप्रैल 2025 को वैशाख मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि है। आज चंद्रमा कुंभ राशि में विराजमान रहेंगे, जिसके स्वामी ग्रह शनिदेव माने जाते हैं। हिंदू पंचांग, जिसे वैदिक पंचांग के नाम से भी जाना जाता है, समय और काल की सटीक गणना का एक महत्वपूर्ण आधार है। यह मुख्य रूप से पाँच अंगों – तिथि, नक्षत्र, वार, योग और करण – से मिलकर बना है। दैनिक पंचांग के माध्यम से हम आपको आज के शुभ मुहूर्त, राहुकाल, सूर्योदय और सूर्यास्त का समय, तिथि, करण, नक्षत्र, सूर्य और चंद्र ग्रह की स्थिति, हिंदूमास और पक्ष आदि की विस्तृत जानकारी प्रदान कर रहे हैं।

Panchang 24 April 2025 की तिथि और नक्षत्र:

आज वैशाख माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि है, जो दोपहर 02 बजकर 27 मिनट तक रहेगी। इसके पश्चात द्वादशी तिथि प्रारंभ हो जाएगी। एकादशी तिथि का हिंदू धर्म में विशेष महत्व है और यह भगवान विष्णु को समर्पित मानी जाती है। इस दिन व्रत और पूजा-पाठ करने का विधान है।

आज का नक्षत्र शतभिषा है, जो सुबह 10 बजकर 37 मिनट तक रहेगा। शतभिषा नक्षत्र को 27 नक्षत्रों में से एक महत्वपूर्ण नक्षत्र माना जाता है। इसके स्वामी राहु हैं और यह नक्षत्र जल तत्व से संबंधित है।

 Panchang 24 April 2025 शुभ मुहूर्त:

किसी भी शुभ कार्य को करने के लिए शुभ मुहूर्त का विशेष ध्यान रखा जाता है। आज का अभिजीत मुहूर्त सुबह 11 बजकर 46 मिनट से दोपहर 12 बजकर 37 मिनट तक रहेगा। अभिजीत मुहूर्त को सभी प्रकार के शुभ कार्यों के लिए उत्तम माना जाता है।

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Panchang 24 April 2025 Sun Rise

 

Panchang 24 April 2025 राहुकाल:

राहुकाल को अशुभ समय माना जाता है और इस दौरान किसी भी महत्वपूर्ण कार्य को करने से बचने की सलाह दी जाती है। आज का राहुकाल दोपहर 12 बजकर 12 मिनट से दोपहर 01 बजकर 47 मिनट तक रहेगा।

 Panchang 24 April 2025 सूर्य और चंद्रमा की स्थिति:

आज सूर्य मेष राशि में विराजमान हैं, जबकि चंद्रमा कुंभ राशि में संचरण कर रहे हैं।

 Panchang 24 April 2025 वार और योग:

आज गुरुवार है, जो बृहस्पति देव को समर्पित है। गुरुवार को शुभ और धार्मिक कार्यों के लिए अच्छा माना जाता है।

आज का योग ब्रह्मा है, जो दोपहर 03 बजकर 43 मिनट तक रहेगा। ब्रह्मा योग को शुभ योगों में से एक माना जाता है और यह रचनात्मक कार्यों के लिए उत्तम है।

करण:

आज दो करण विद्यमान हैं। पहला करण बालवा है, जो दोपहर 02 बजकर 27 मिनट तक रहेगा। इसके बाद कौवाला करण प्रारंभ होगा, जो अगले दिन सुबह 05 बजकर 10 मिनट तक रहेगा।

हिंदू पंचांग के पाँच अंग:

हिंदू पंचांग भारतीय ज्योतिष का एक अभिन्न अंग है और यह वैदिक काल से ही समय की गणना के लिए उपयोग में लाया जाता रहा है। पंचांग मुख्य रूप से पाँच तत्वों से मिलकर बनता है, जिनकी विस्तृत जानकारी नीचे दी गई है:

  1. तिथि: तिथि का अर्थ है एक चंद्र दिवस। यह वह समय अवधि है जो चंद्रमा को सूर्य के सापेक्ष 12 डिग्री घूमने में लगती है। एक महीने में 30 तिथियां होती हैं, जिन्हें दो पक्षों – शुक्ल पक्ष (चंद्रमा के बढ़ते चरण) और कृष्ण पक्ष (चंद्रमा के घटते चरण) में विभाजित किया जाता है। शुक्ल पक्ष की अंतिम तिथि पूर्णिमा कहलाती है, जबकि कृष्ण पक्ष की अंतिम तिथि अमावस्या कहलाती है। तिथियों के नाम इस प्रकार हैं: प्रतिपदा, द्वितीया, तृतीया, चतुर्थी, पंचमी, षष्ठी, सप्तमी, अष्टमी, नवमी, दशमी, एकादशी, द्वादशी, त्रयोदशी, चतुर्दशी, और पूर्णिमा/अमावस्या। आज वैशाख माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि है।

  2. नक्षत्र: नक्षत्र आकाश में स्थित तारों के समूहों को कहा जाता है। भारतीय ज्योतिष में 27 नक्षत्र माने जाते हैं, और प्रत्येक नक्षत्र 13 डिग्री 20 मिनट की चाप घेरता है। चंद्रमा लगभग 27.3 दिनों में इन सभी नक्षत्रों से होकर गुजरता है। प्रत्येक नक्षत्र का अपना स्वामी ग्रह और विशिष्ट गुण होता है। आज का नक्षत्र शतभिषा है, जिसके स्वामी राहु हैं।

  3. वार: वार का तात्पर्य सप्ताह के दिनों से है। एक सप्ताह में सात वार होते हैं, जिनके नाम विभिन्न ग्रहों के आधार पर रखे गए हैं: सोमवार (चंद्र), मंगलवार (मंगल), बुधवार (बुध), गुरुवार (बृहस्पति), शुक्रवार (शुक्र), शनिवार (शनि), और रविवार (सूर्य)। आज गुरुवार है।

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    Panchang 24 April 2025

     

  4. योग: योग सूर्य और चंद्रमा की विशेष दूरियों की स्थितियों को दर्शाता है। कुल 27 योग होते हैं, जो विभिन्न खगोलीय गणनाओं के आधार पर निर्धारित किए जाते हैं। प्रत्येक योग का अपना महत्व और प्रभाव होता है। आज का योग ब्रह्मा है। 27 योगों के नाम इस प्रकार हैं: विष्कुम्भ, प्रीति, आयुष्मान, सौभाग्य, शोभन, अतिगण्ड, सुकर्मा, धृति, शूल, गण्ड, वृद्धि, ध्रुव, व्याघात, हर्षण, वज्र, सिद्धि, व्यातीपात, वरीयान, परिघ, शिव, सिद्ध, साध्य, शुभ, शुक्ल, ब्रह्म, इन्द्र, और वैधृति।

  5. करण: करण एक तिथि का आधा भाग होता है। इस प्रकार, एक तिथि में दो करण होते हैं – एक पूर्वार्ध में और दूसरा उत्तरार्ध में। कुल 11 करण होते हैं, जिनके नाम हैं: बव, बालव, कौलव, तैतिल, गर, वणिज, विष्टि, शकुनि, चतुष्पाद, नाग, और किस्तुघ्न। विष्टि करण को भद्रा भी कहा जाता है, और ऐसा माना जाता है कि भद्रा काल में शुभ कार्य करना वर्जित होता है। आज पहला करण बालवा है और दूसरा करण कौवाला है।

Panchang 24 April 2025 सूर्योदय और सूर्यास्त का समय:

आज जयपुर में सूर्योदय सुबह 05 बजकर 50 मिनट पर हुआ, जबकि सूर्यास्त शाम 06 बजकर 33 मिनट पर होगा।

Panchang 24 April 2025 विक्रमी संवत् और शक संवत्:

आज विक्रम संवत् 2082 और शक संवत् 1947 विश्वावसु है।

Panchang 24 April 2025 मास और पक्ष:

वर्तमान में वैशाख मास का कृष्ण पक्ष चल रहा है।

इस प्रकार, आज का पंचांग विभिन्न महत्वपूर्ण ज्योतिषीय गणनाओं और समय अवधियों की जानकारी प्रदान करता है, जो दैनिक जीवन में शुभ-अशुभ समय का निर्धारण करने में सहायक होती है। एकादशी तिथि और ब्रह्मा योग का यह दिन आध्यात्मिक और रचनात्मक कार्यों के लिए विशेष महत्व रखता है।

Panchang 24 April 2025 वैशाख कृष्ण एकादशी के लिए विशेष पूजा विधि

वैशाख मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि हिंदू धर्म में एक महत्वपूर्ण दिन माना जाता है। यह तिथि भगवान विष्णु को समर्पित है और इस दिन उनकी विशेष पूजा-अर्चना करने का विधान है। मान्यता है कि इस दिन व्रत और पूजन करने से घर में सुख-शांति बनी रहती है, व्यापार में तरक्की होती है, अच्छी नौकरी मिलती है और संतान की प्राप्ति की कामना भी पूर्ण होती है। इस लेख में हम आपको वैशाख कृष्ण एकादशी पर की जाने वाली विशेष पूजा विधि के बारे में विस्तार से बताएंगे, जिससे आपके घर में खुशहाली आए, व्यापार फले-फूले, आपको उत्तम नौकरी मिले और संतान सुख की प्राप्ति हो।

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Panchang 24 April 2025 Ekadashi

 

Panchang 24 April 2025 वैशाख कृष्ण एकादशी का महत्व:

एकादशी तिथि भगवान विष्णु को अत्यंत प्रिय है। प्रत्येक महीने में दो एकादशी तिथियां आती हैं – शुक्ल पक्ष और कृष्ण पक्ष में। वैशाख मास की कृष्ण पक्ष की एकादशी का विशेष महत्व है क्योंकि यह भगवान विष्णु की आराधना और उनसे आशीर्वाद प्राप्त करने का उत्तम समय माना जाता है। इस दिन व्रत रखने और विधि-विधान से पूजा करने से व्यक्ति के पाप नष्ट होते हैं, मानसिक शांति मिलती है और जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।

Panchang 24 April 2025 पूजा की तैयारी:

वैशाख कृष्ण एकादशी के दिन पूजा करने के लिए कुछ आवश्यक सामग्री की आवश्यकता होती है। पूजा शुरू करने से पहले इन सामग्रियों को एकत्रित कर लें:

  • भगवान विष्णु की प्रतिमा या चित्र
  • गंगाजल
  • तुलसी के पत्ते
  • पीले फूल (गुलाब, गेंदा आदि)
  • फल (केला, आम, अनार आदि)
  • मिठाई (पेड़ा, बर्फी आदि)
  • धूप
  • दीप
  • घी
  • कपूर
  • पीला चंदन
  • अक्षत (चावल)
  • नैवेद्य (भोग)
  • व्रत कथा की पुस्तक

Panchang 24 April 2025 पूजा विधि:

वैशाख कृष्ण एकादशी के दिन सुबह ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र धारण करें। इसके बाद पूजा स्थल को साफ करें और भगवान विष्णु की प्रतिमा या चित्र स्थापित करें।

  1. संकल्प: पूजा शुरू करने से पहले हाथ में जल, अक्षत और फूल लेकर व्रत का संकल्प लें। अपनी मनोकामनाओं (घर में सुख-शांति, व्यापार में तरक्की, अच्छी नौकरी और संतान प्राप्ति) को मन में दोहराएं और भगवान विष्णु से प्रार्थना करें कि वे आपकी इच्छाओं को पूर्ण करें।

  2. आवाहन: भगवान विष्णु का आह्वान करें और उन्हें पूजा स्थल पर विराजमान होने के लिए प्रार्थना करें। आप इस मंत्र का जाप कर सकते हैं: ॐ विष्णवे नमः

  3. अभिषेक: भगवान विष्णु की प्रतिमा या चित्र को गंगाजल से स्नान कराएं। यदि गंगाजल उपलब्ध न हो तो स्वच्छ जल का उपयोग कर सकते हैं। अभिषेक करते समय “ॐ नमो भगवते वासुदेवाय” मंत्र का जाप करते रहें।

  4. वस्त्र और आभूषण: भगवान विष्णु को पीले रंग के वस्त्र अर्पित करें। यदि वस्त्र उपलब्ध न हों तो पीले रंग का धागा भी अर्पित कर सकते हैं। उन्हें फूलों की माला और अन्य आभूषणों से सजाएं।

  5. चंदन और अक्षत: भगवान विष्णु को पीला चंदन लगाएं और अक्षत अर्पित करें। पीला रंग भगवान विष्णु को अत्यंत प्रिय है।

  6. पुष्प अर्पण: भगवान विष्णु को पीले फूल अर्पित करें। तुलसी के पत्ते अवश्य अर्पित करें, क्योंकि तुलसी भगवान विष्णु को बहुत प्रिय है और बिना तुलसी के उनकी पूजा अधूरी मानी जाती है।

  7. धूप और दीप: पूजा स्थल पर धूप और घी का दीपक जलाएं। दीपक को भगवान विष्णु की प्रतिमा के सामने रखें।

  8. नैवेद्य (भोग): भगवान विष्णु को फल और मिठाई का भोग लगाएं। उन्हें तुलसी दल मिश्रित जल भी अर्पित करें।

  9. मंत्र जाप: भगवान विष्णु के विभिन्न मंत्रों का जाप करें। अपनी मनोकामनाओं के अनुसार आप निम्नलिखित मंत्रों का जाप कर सकते हैं:

    घर में सुख-शांति के लिए: ॐ नमो नारायणाय।

    व्यापार में तरक्की के लिए: ॐ श्री लक्ष्मी नारायणाय नमः।

    अच्छी नौकरी के लिए: ॐ ह्रीं श्रीं क्लीं नारायणाय नमः।

    संतान प्राप्ति के लिए: ॐ देवकीसुत गोविन्द वासुदेव जगत्पते। देहि मे तनयं कृष्ण त्वामहं शरणं गतः।।

    आप अपनी श्रद्धा और समय के अनुसार इन मंत्रों का 108 बार या अधिक जाप कर सकते हैं।

  10. विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ: इस दिन विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ करना अत्यंत फलदायी माना जाता है। विष्णु सहस्त्रनाम में भगवान विष्णु के एक हजार नामों का वर्णन है, जिनका जाप करने से सभी प्रकार की मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।

  11. एकादशी व्रत कथा: वैशाख कृष्ण एकादशी की व्रत कथा सुनें या पढ़ें। व्रत कथा सुनने से व्रत का महत्व और पुण्य फल प्राप्त होता है।

  12. आरती: भगवान विष्णु की आरती गाएं। आरती के अंत में कपूर जलाकर उनकी आरती उतारें।

  13. प्रार्थना और क्षमा याचना: पूजा के अंत में भगवान विष्णु से अपनी मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए प्रार्थना करें और अपनी ज्ञात-अज्ञात भूलों के लिए क्षमा याचना करें।

  14. प्रसाद वितरण: भगवान विष्णु को अर्पित किए गए फल और मिठाई को प्रसाद के रूप में सभी में वितरित करें।

Panchang 24 April 2025 अतिरिक्त उपाय:

घर में सुख-शांति, व्यापार में तरक्की, अच्छी नौकरी और संतान प्राप्ति के लिए वैशाख कृष्ण एकादशी के दिन कुछ अतिरिक्त उपाय भी किए जा सकते हैं:

  • तुलसी पूजा: इस दिन तुलसी के पौधे की पूजा करें और उन्हें जल अर्पित करें। शाम के समय तुलसी के पौधे के पास घी का दीपक जलाएं। तुलसी भगवान विष्णु को अत्यंत प्रिय हैं और उनकी पूजा करने से घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।

  • दान-पुण्य: एकादशी के दिन दान-पुण्य करना बहुत शुभ माना जाता है। अपनी सामर्थ्य के अनुसार गरीबों और जरूरतमंदों को भोजन, वस्त्र या धन का दान करें।

  • पीले रंग का प्रयोग: पूजा में और अपने दैनिक जीवन में पीले रंग का अधिक प्रयोग करें। पीले रंग को भगवान विष्णु का प्रिय रंग माना जाता है और यह सकारात्मकता और समृद्धि का प्रतीक है।

  • विष्णु मंदिर दर्शन: यदि संभव हो तो इस दिन भगवान विष्णु के मंदिर में जाकर उनके दर्शन करें और उन्हें अपनी मनोकामनाएं अर्पित करें।

  • ब्राह्मण भोजन: इस दिन किसी ब्राह्मण को भोजन कराएं या उन्हें दान दक्षिणा दें। इससे भगवान विष्णु प्रसन्न होते हैं और आपकी मनोकामनाएं पूर्ण करते हैं।

  • पक्षियों को दाना: इस दिन पक्षियों को दाना डालना भी शुभ माना जाता है।

Panchang 24 April 2025 व्रत का महत्व:

वैशाख कृष्ण एकादशी का व्रत रखने का भी विशेष महत्व है। यदि आप व्रत रख रहे हैं तो दशमी तिथि की रात्रि से ही भोजन करना बंद कर दें। एकादशी के पूरे दिन निराहार रहें या केवल फल और जल ग्रहण करें। द्वादशी तिथि को स्नान के बाद ब्राह्मणों को भोजन कराएं और फिर स्वयं भोजन ग्रहण करके व्रत का पारण करें। व्रत रखने से शारीरिक और मानसिक शुद्धि होती है और भगवान विष्णु की कृपा प्राप्त होती है।

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Panchang 24 April 2025

 

Panchang 24 April 2025 विशेष मनोकामनाओं के लिए उपाय:
  • घर में सुख-शांति के लिए: एकादशी के दिन भगवान विष्णु की प्रतिमा के सामने घी का दीपक जलाएं और “ॐ शांति शांति शांति” मंत्र का 108 बार जाप करें।

  • व्यापार में तरक्की के लिए: भगवान विष्णु को पीले वस्त्र अर्पित करें और उन्हें केसर मिश्रित मिठाई का भोग लगाएं। “ॐ श्री लक्ष्मी नारायणाय नमः” मंत्र का जाप करते हुए 11 पीले फूल अर्पित करें।

  • अच्छी नौकरी के लिए: भगवान विष्णु को तुलसी के पत्ते और पीले फूल अर्पित करें। “ॐ नमो भगवते वासुदेवाय” मंत्र का जाप करते हुए विष्णु मंदिर में जाकर प्रार्थना करें।

  • संतान प्राप्ति के लिए: भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की संयुक्त रूप से पूजा करें। उन्हें मिश्री और मक्खन का भोग लगाएं और संतान गोपाल स्तोत्र का पाठ करें।

वैशाख कृष्ण एकादशी भगवान विष्णु की आराधना का एक महत्वपूर्ण दिन है। इस दिन विधि-विधान से पूजा करने और व्रत रखने से घर में सुख-शांति, व्यापार में तरक्की, अच्छी नौकरी और संतान की प्राप्ति की कामना पूर्ण हो सकती है। श्रद्धा और भक्ति भाव से की गई पूजा अवश्य फलदायी होती है। इस लेख में बताई गई पूजा विधि और उपायों को अपनाकर आप भगवान विष्णु की कृपा प्राप्त कर सकते हैं और अपने जीवन को खुशहाल बना सकते हैं। याद रखें कि सच्ची भक्ति और विश्वास ही पूजा का सार है।

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