Panchang 25 April 2025: वैशाख मास की द्वादशी तिथि, इंद्र योग और पूर्वाभाद्रपदा नक्षत्र का शुभ संयोग
Panchang 25 April 2025: शुक्रवार, 25 अप्रैल 2025 को वैशाख मास के कृष्ण पक्ष की द्वादशी तिथि है। हिंदू पंचांग, जिसे वैदिक पंचांग के नाम से भी जाना जाता है, समय और काल की सटीक गणना का एक महत्वपूर्ण आधार है। यह मुख्य रूप से पाँच अंगों – तिथि, नक्षत्र, वार, योग और करण – से मिलकर बना है। दैनिक पंचांग के माध्यम से हम आपको आज के शुभ मुहूर्त, राहुकाल, सूर्योदय और सूर्यास्त का समय, तिथि, करण, नक्षत्र, सूर्य और चंद्र ग्रह की स्थिति, हिंदूमास और पक्ष आदि की विस्तृत जानकारी प्रदान कर रहे हैं।
दिनांक: शुक्रवार, 25 अप्रैल 2025
हिंदू पंचांग के अनुसार: वैशाख मास, कृष्ण पक्ष, द्वादशी तिथि
विशेष संयोग: इंद्र योग एवं पूर्वाभाद्रपदा नक्षत्र
चंद्रमा की स्थिति: मीन राशि में संचरण
स्थान: भारत (सामान्य समय अनुसार)
दिन की शुरुआत सूर्य उपासना से करें
25 अप्रैल 2025 को शुक्रवार का दिन है। यह दिन मां लक्ष्मी को समर्पित होता है और विशेष रूप से गृहस्थों और धन-संपत्ति की कामना रखने वालों के लिए अत्यंत लाभकारी माना जाता है। आज वैशाख मास के कृष्ण पक्ष की द्वादशी तिथि है, जो कि सुबह 11:41 बजे तक रहेगी। इसके पश्चात त्रयोदशी तिथि का आरंभ हो जाएगा।
इस दिन पूर्वाभाद्रपदा नक्षत्र सुबह 8:43 बजे तक रहेगा, जिसके बाद उत्तराभाद्रपदा नक्षत्र का आरंभ होगा। पूर्वाभाद्रपदा नक्षत्र का स्वामी गुरु (बृहस्पति) होता है और यह नक्षत्र आध्यात्मिक उन्नति के लिए श्रेष्ठ माना जाता है।
शुभ मुहूर्त
दैनिक जीवन में किसी भी शुभ कार्य को करने के लिए शुभ मुहूर्त का ध्यान रखना अत्यंत आवश्यक है। 25 अप्रैल 2025 के दिन निम्नलिखित शुभ मुहूर्त मान्य हैं:
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अभिजीत मुहूर्त: 11:46 बजे से 12:37 बजे तक
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अमृत काल: 05:32 बजे से 07:18 बजे तक
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विजय मुहूर्त: 14:30 बजे से 15:23 बजे तक
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गोधूलि मुहूर्त: 18:20 बजे से 18:45 बजे तक
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निशिता मुहूर्त (रात्रि पूजा हेतु): 00:08 बजे से 00:53 बजे तक (26 अप्रैल को)
टिप: यदि आप कोई नया व्यवसाय, भूमि पूजन, वाहन खरीद या किसी विशेष पूजा का आयोजन करना चाहते हैं तो अभिजीत और विजय मुहूर्त विशेष रूप से लाभकारी रहेंगे।

राहुकाल और अशुभ समय
राहुकाल को किसी भी शुभ कार्य के लिए अशुभ माना गया है। 25 अप्रैल 2025 को शुक्रवार के दिन राहुकाल का समय:
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राहुकाल: सुबह 10:36 से दोपहर 12:12 बजे तक
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यमगंड काल: 15:23 से 16:58 बजे तक
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गुलिक काल: 07:25 से 09:00 बजे तक
सावधानी: राहुकाल में कोई भी नया कार्य, निवेश, यात्रा या शुभ काम करने से बचें।
सूर्योदय और सूर्यास्त
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सूर्योदय का समय: 05:50 बजे सुबह
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सूर्यास्त का समय: 18:33 बजे शाम
टिप: सूर्योदय के तुरंत बाद का समय ध्यान और सूर्य नमस्कार के लिए सबसे उपयुक्त होता है।
चंद्रमा की स्थिति एवं राशिफल संकेत
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चंद्रमा की राशि: मीन
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राशियों पर प्रभाव: मीन राशि में चंद्रमा होने से भावुकता, कल्पनाशक्ति और आध्यात्मिकता में वृद्धि हो सकती है। आज के दिन आप मानसिक रूप से अधिक संवेदनशील रह सकते हैं। मीन, कर्क, वृश्चिक राशि वालों के लिए यह दिन उत्तम रहेगा। वहीं कन्या और धनु राशि वालों को संयम और विवेक से काम लेना चाहिए।
ग्रह स्थिति
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सूर्य: मेष
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चंद्रमा: मीन
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मंगल: मीन
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बुध: वृषभ
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बृहस्पति: वृषभ
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शुक्र: मेष
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शनि: कुंभ (स्वगृह में)
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राहु: मीन
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केतु: कन्या
टिप: ग्रहों की यह स्थिति आर्थिक मामलों में संयम बरतने की सलाह देती है। किसी भी प्रकार का बड़ा निवेश सोच-समझकर करें।
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पंचांग के पाँच अंगों का विवरण
1. तिथि (Dwadashi)
द्वादशी तिथि वैष्णव परंपरा में अत्यंत पवित्र मानी जाती है। इस तिथि को भगवान विष्णु की पूजा एवं उपवास करने से विशेष पुण्य फल की प्राप्ति होती है। इस तिथि में दूध, चावल और तुलसी पत्र का प्रयोग करने से मनोकामना पूर्ण होती है।
2. नक्षत्र (पूर्वाभाद्रपदा)
पूर्वाभाद्रपदा नक्षत्र आध्यात्मिक जागरूकता और रहस्यात्मकता का प्रतीक है। यह नक्षत्र धार्मिक कार्यों, दान-पुण्य और तपस्या के लिए शुभ माना जाता है।
3. वार (शुक्रवार)
शुक्रवार का दिन सौंदर्य, भोग-विलास और मां लक्ष्मी की आराधना का दिन माना जाता है। इस दिन घर में श्रीसूक्त का पाठ करना अत्यंत लाभकारी रहता है।
4. योग (इंद्र)
इंद्र योग का प्रभाव राजसी सुख, सफलता और मान-सम्मान में वृद्धि करता है। यह योग दोपहर 12:19 बजे तक रहेगा। इस योग में आरंभ किए गए कार्यों में सफलता की प्रबल संभावना होती है।
5. करण (तैतिल और गारा)
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प्रथम करण: तैतिल – सुबह 11:41 बजे तक
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द्वितीय करण: गारा – रात 10:06 बजे तक
इन करनों का प्रयोग शुभ कार्यों में किया जा सकता है।
व्रत और त्योहार
25 अप्रैल को कोई बड़ा व्रत या पर्व नहीं है, लेकिन द्वादशी तिथि होने के कारण वैष्णव एकादशी पारण इस दिन कुछ लोगों द्वारा किया जा सकता है, जो एकादशी व्रत के पारण नियमों का पालन करते हैं।
धार्मिक और ज्योतिषीय सुझाव
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गृहस्थों के लिए: आज के दिन मां लक्ष्मी की पूजा करें, सफेद वस्त्र पहनें और चावल का दान करें। इससे आर्थिक स्थिति में सुधार होगा।
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विद्यार्थियों के लिए: पूर्वाभाद्रपदा नक्षत्र और इंद्र योग का लाभ उठाएं। यह दिन अध्ययन, लेखन और प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए उत्तम है।
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व्यवसायियों के लिए: नए संपर्क बनाने, साझेदारी शुरू करने और आर्थिक योजनाएं बनाने के लिए अभिजीत मुहूर्त सर्वोत्तम है।
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स्वास्थ्य के लिहाज से: मीन राशि में चंद्रमा होने से मानसिक तनाव बढ़ सकता है। मेडिटेशन और प्राणायाम से लाभ मिलेगा।
सरल उपाय एवं टोटके
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आज के दिन श्रीसूक्त का पाठ करें।
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पीले वस्त्र धारण करें और गरीबों को केले दान करें।
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तुलसी के पौधे में जल अर्पित करें।
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माँ लक्ष्मी को कमल का फूल अर्पित करें।
25 अप्रैल 2025 का दिन ग्रह-नक्षत्रों की स्थिति के अनुसार सामान्य से शुभ की ओर संकेत करता है। शुक्रवार का दिन होने के कारण सौंदर्य, कला, धन, प्रेम और सौम्यता के कार्यों के लिए अत्यंत अनुकूल है। राहुकाल का ध्यान रखते हुए, जो भी कार्य करें, समय देखकर करने से सकारात्मक परिणाम मिलने की पूरी संभावना है।
पंचांग के माध्यम से समय और प्रकृति के संतुलन को समझना ही हमारे शास्त्रों की विशेषता है। यही संतुलन हमें जीवन में अनुशासन और सफलता की ओर ले जाता है।


नुपूर शर्मा एक अनुभवी ब्लॉगर और लेखक हैं, जो Digital Khabar Junction के संस्थापक हैं। वे भारत और दुनिया भर की ताजा खबरों को हिंदी में प्रस्तुत करने के लिए समर्पित हैं।
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