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Tuhin Kanta Pandey appointed as the new chairman of SEBI

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Tuhin Kanta Pandey appointed as the new chairman of SEBI

कौन हैं तुहिन कांत पांडे? SEBI के नए चेयरपर्सन की पूरी कहानी

:- शेयर बाजार की रेगुलेटरी बॉडी सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ़ इंडिया (SEBI) को नया चेयरपर्सन मिल गया है। तुहिन कांत पांडे को इस पद के लिए नियुक्त किया गया है। केंद्र सरकार ने 27 फरवरी को उनकी नियुक्ति की घोषणा की।

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आज माधबी का समाप्त हुआ कार्यकाल

सरकारी आदेश के अनुसार, Tuhin Kanta Pandey अगले तीन साल तक इस पद पर कार्यरत रहेंगे। इससे पहले माधबी पुरी बुच SEBI की चेयरपर्सन थीं, जिनका कार्यकाल 28 फरवरी 2025 को समाप्त हो गया। माधबी पुरी बुच का कार्यकाल कई बड़े फैसलों और विवादों से भरा रहा।

Tuhin Kanta Pandey का अनुभव और करियर

SEBI के नए चेयरपर्सन तुहिन कांत पांडे 1987 बैच के ओडिशा कैडर के भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) अधिकारी हैं। श्री पांडे, अर्थशास्त्र में एम.ए पंजाब विश्वविद्यालय, चंडीगढ़ से और यूके से एमबीए, में विभिन्न पदों पर काम किया है ओडिशा सरकार और भारत सरकार। अपने करियर के शुरुआती दौर में उन्होंने कार्यकारी के रूप में काम किया ओडिशा राज्य वित्त निगम (ओएसएफसी) और ओडिशा लघु के निदेशक और प्रबंध निदेशक
क्रमशः उद्योग निगम (ओएसआईसी)। 2019 तक वह ओडिशा सरकार में प्रधान सचिव के तौर पर कार्य कर चुके हैं। इसके बाद उन्हें डिपार्टमेंट ऑफ़ इन्वेस्टमेंट एंड पब्लिक ऐसेट मैनेजमेंट (DIPAM) का सचिव बनाया गया। हाल ही में, बजट 2025 से पहले तुहिन कांत पांडे को भारत सरकार का रेवेन्यू सेक्रेटरी नियुक्त किया गया था। अब, उन्हें SEBI चेयरपर्सन की जिम्मेदारी सौंपी गई है।

शिक्षा और महत्वपूर्ण उपलब्धियां

Tuhin Kanta Pandey ने अपनी शिक्षा पंजाब यूनिवर्सिटी (चंडीगढ़) से इकोनॉमिक्स में मास्टर्स की डिग्री प्राप्त की है। इसके अलावा, उन्होंने यूनाइटेड किंगडम की यूनिवर्सिटी ऑफ बर्मिंघम से एमबीए भी किया है। SEBI चेयरपर्सन बनने से पहले, तुहिन कांत पांडे ने DIPAM के सचिव रहते हुए कई बड़े काम किए। जैसे कि एयर इंडिया की रुकी हुई बिक्री को सफलतापूर्वक पूरा किया। एलआईसी (LIC) की लिस्टिंग में अहम भूमिका निभाई।

अब Tuhin Kanta Pandey के सामने भारतीय शेयर बाजार को स्थिर रखने और निवेशकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की बड़ी जिम्मेदारी होगी। SEBI के नए प्रमुख के रूप में, उनसे उम्मीद की जा रही है कि वे बाजार में पारदर्शिता और निष्पक्षता बनाए रखेंगे।

आने वाले समय में यह देखना दिलचस्प होगा कि उनके नेतृत्व में SEBI क्या नए बदलाव लेकर आता है और भारतीय शेयर बाजार को किस दिशा में आगे बढ़ाता है।

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