UPI Transactions
UPI Transactions: बीते कुछ वर्षों में भारत में डिजिटल पेमेंट्स का चलन बहुत तेजी से बढ़ा है। खासकर मोबाइल फोन के जरिए पेमेंट करने वालों की संख्या में जबरदस्त उछाल आया है। अब लोगों को कहीं जाने, कैश रखने या लंबी लाइन में लगने की जरूरत नहीं पड़ती। बस मोबाइल निकालिए, QR कोड स्कैन कीजिए और पेमेंट हो गया।
मोबाइल से होने वाले पेमेंट्स ने अब एक नया रिकॉर्ड बना दिया है। साल 2024 की दूसरी छमाही यानी जुलाई से दिसंबर तक, मोबाइल फोन से की गई ट्रांजैक्शंस की कुल वैल्यू लगभग 200 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच गई। ये आंकड़े बताते हैं कि डिजिटल इंडिया का सपना अब हकीकत बनता जा रहा है।
अगर हम पिछले साल की तुलना करें, तो मोबाइल से पेमेंट्स में करीब 30% की बढ़ोतरी दर्ज की गई है। यह दिखाता है कि लोग अब पहले के मुकाबले ज्यादा मोबाइल से ही पेमेंट करना पसंद कर रहे हैं। खासतौर पर ग्रामीण इलाकों में भी अब लोग डिजिटल पेमेंट्स को अपना रहे हैं।
मोबाइल से पेमेंट्स बढ़ने के पीछे सबसे बड़ा कारण है – यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (UPI) का जबरदस्त विकास। भारत में आज ज्यादातर लोग मोबाइल ऐप्स जैसे PhonePe, Google Pay, Paytm और WhatsApp के जरिए UPI से पैसे भेजते हैं या भुगतान करते हैं।
रिपोर्ट के अनुसार, मोबाइल पेमेंट्स में UPI ट्रांजैक्शंस की हिस्सेदारी लगभग 130 करोड़ रुपये की थी। इसका मतलब है कि कुल मोबाइल ट्रांजैक्शंस में बहुत बड़ी संख्या UPI के जरिए ही हो रही है।
UPI के जरिए होने वाले ट्रांजैक्शंस को दो हिस्सों में बांटा गया है:
पर्सन-टु-पर्सन (P2P): इसमें एक व्यक्ति दूसरे व्यक्ति को पैसे भेजता है। जैसे – दोस्तों या परिवार को पैसे ट्रांसफर करना।
पर्सन-टु-मर्चेंट (P2M): इसमें कोई ग्राहक किसी दुकानदार या बिज़नेस को पेमेंट करता है। जैसे – किराना की दुकान, रेस्टोरेंट या ऑनलाइन खरीदारी।
रिपोर्ट बताती है कि साल 2024 की दूसरी छमाही में इन सभी UPI ट्रांजैक्शंस का औसत टिकट साइज लगभग 1,515 रुपये था। यानी एक बार में इतने रुपये का ट्रांजैक्शन हुआ।
दिसंबर 2024 में UPI ट्रांजैक्शंस की कुल वैल्यू रही – 23.25 लाख करोड़ रुपये
नवंबर 2024 में ये आंकड़ा था – 21.55 लाख करोड़ रुपये
दिसंबर में प्रति दिन की औसत वैल्यू – लगभग 74,990 करोड़ रुपये
नवंबर में प्रति दिन की औसत वैल्यू – करीब 71,840 करोड़ रुपये
इन आंकड़ों से यह साफ होता है कि महीने-दर-महीने भी UPI का इस्तेमाल बढ़ता जा रहा है।
एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, पिछले वर्ष की दूसरी छमाही में मोबाइल से किए गए पेमेंट्स की वैल्यू, क्रेडिट और डेबिट कार्ड्स से किए गए खर्च से करीब 14.5% अधिक थी। यह एक बड़ी बात है, क्योंकि पहले कार्ड्स ही डिजिटल पेमेंट का मुख्य माध्यम हुआ करते थे।
अब लोग कार्ड निकालने की बजाय सीधे मोबाइल से पेमेंट करना ज्यादा आसान और सुरक्षित समझते हैं।
भारत में डिजिटल पेमेंट्स के इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करने में कई सरकारी और निजी संस्थानों ने मिलकर काम किया है। इसका ही नतीजा है कि आज गांव-गांव में लोग QR कोड स्कैन करके पेमेंट कर रहे हैं।
इस सफलता के पीछे कई पहल हैं, जैसे:
NPCI द्वारा बनाए गए आसान पेमेंट प्लेटफॉर्म्स
बैंकिंग नेटवर्क का डिजिटलीकरण
इंटरनेट और स्मार्टफोन की पहुंच
डिजिटल लिटरेसी बढ़ाने के अभियान
UPI को ऑपरेट करने वाली संस्था – नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) लगातार नए कदम उठा रही है ताकि UPI को और अधिक लोगों तक पहुंचाया जा सके। आइए, उनकी कुछ खास पहलों पर नजर डालें:
NPCI ने UPI ट्रांजैक्शंस की संख्या सीमा (वॉल्यूम लिमिट) को दो वर्षों के लिए बढ़ा दिया है। इससे अब और भी ज्यादा ट्रांजैक्शंस किए जा सकेंगे और किसी तरह की बाधा नहीं होगी।
पहले WhatsApp के सीमित यूजर्स ही UPI सर्विस का लाभ उठा सकते थे। अब NPCI ने WhatsApp Pay पर यूजर्स की लिमिट हटा दी है। इसका मतलब है कि अब भारत में WhatsApp इस्तेमाल करने वाला हर व्यक्ति इस ऐप से UPI ट्रांजैक्शन कर सकता है।
NPCI ने एक नई सर्विस लॉन्च की है – UPI One World Wallet। यह खासतौर पर विदेश से भारत आने वाले ट्रैवलर्स और NRI लोगों के लिए बनाई गई है।इस वॉलेट के जरिए वे लोग भी भारत में डिजिटल पेमेंट कर सकेंगे जिनके पास भारतीय बैंक खाता नहीं है। इस सेवा के जरिए:
विदेश से आने वाले पर्यटक
प्रवासी भारतीय (NRI)
अपना प्रीपेड वॉलेट खोल सकते हैं और UPI ऐप से मर्चेंट्स को डिजिटल पेमेंट कर सकते हैं। इससे भारतीय बाजार में विदेशी लोगों के लिए खरीदारी और भुगतान करना बहुत आसान हो जाएगा।
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UPI और मोबाइल पेमेंट्स की यह ग्रोथ अभी रुकी नहीं है। आने वाले समय में इससे जुड़ी कई और सुविधाएं शुरू की जा सकती हैं, जैसे:
क्रेडिट कार्ड को सीधे UPI से लिंक करना
इंटरनेशनल पेमेंट्स को आसान बनाना
ऑटोमेटेड पेमेंट्स और सब्सक्रिप्शंस को बढ़ावा देना
स्मॉल फाइनेंस बैंक और कोऑपरेटिव बैंक को जोड़ना
भारत अब कैशलेस इकोनॉमी की दिशा में तेज़ी से आगे बढ़ रहा है। मोबाइल से पेमेंट्स की वैल्यू का 200 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच जाना यह साबित करता है कि लोगों का भरोसा डिजिटल पेमेंट सिस्टम पर बढ़ रहा है। खासकर UPI ने जो क्रांति लाई है, वह विश्व स्तर पर मिसाल बन चुकी है।
सरकार और NPCI की ओर से उठाए गए कदमों ने न सिर्फ पेमेंट्स को आसान बनाया, बल्कि लोगों की जिंदगी को भी सुविधाजनक बना दिया है। आने वाले समय में मोबाइल से पेमेंट करना और भी आम बात हो जाएगी – चाहे वह सब्जीवाले को पैसे देने हों या किसी मॉल में शॉपिंग करनी हो।
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