‘उदयपुर फाइल्स’ कन्हैयालाल हत्याकांड पर आधारित एक साहसी फिल्म
उदयपुर फाइल्स में 2022 में राजस्थान के उदयपुर में हुए कन्हैयालाल हत्याकांड पर आधारित है। यह फिल्म समाज को झकझोर देने वाले उस सच्चे घटनाक्रम को पर्दे पर दिखाती है, जिसमें एक साधारण दर्जी की निर्मम हत्या कर दी गई थी।
28 जून 2022 को उदयपुर, राजस्थान में कन्हैयालाल, पेशे से दर्जी। एक सोशल मीडिया पोस्ट को लेकर धार्मिक कट्टरता के नाम पर नृशंस हत्या। इस वारदात ने पूरे देश को स्तब्ध कर दिया था और देशभर में शोक, आक्रोश और असुरक्षा का माहौल फैल गया था।
कन्हैयालाल एक सामान्य दर्जी जो वर्षों से उदयपुर में दुकान चला रहे थे। उन्होंने नुपुर शर्मा के समर्थन में एक फेसबुक पोस्ट को शेयर किया था। इसी पोस्ट को लेकर उन्हें पहले धमकियाँ दी गईं और फिर दिन-दहाड़े गला रेत कर हत्या कर दी गई।
हत्या कैसे हुई: दो हमलावर ग्राहक बनकर कन्हैयालाल की दुकान में घुसे। मोबाइल पर हत्या की वीडियो रिकॉर्डिंग की गई। वीडियो में हत्या के बाद आरोपियों ने धार्मिक नारे भी लगाए। इस वीभत्स वीडियो को सोशल मीडिया पर शेयर कर डर और दहशत फैलाने की कोशिश की गई।
पुलिस और NIA की कार्रवाई: राजस्थान पुलिस ने तत्परता से दोनों आरोपियों को गिरफ्तार किया। मामला NIA (नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी) को सौंपा गया। हत्या को "आतंकी घटना" की तरह जांचा गया। आरोपियों के आतंकी कनेक्शन और कट्टरपंथी संगठनों से संपर्क की जांच की गई।
‘उदयपुर फाइल्स’ फिल्म की खास बातें: निर्देशक भार्गव सांकला और निर्माता विवेक चौहान। इसका बैनर आदि शक्ति एंटरटेनमेंट ने किया। इसकी शैली सच्ची घटनाओं पर आधारित, सामाजिक और राजनीतिक थ्रिलर है।
फिल्म का उद्देश्य: समाज को कट्टरपंथ और धार्मिक असहिष्णुता के खतरों से आगाह करना है। एक निर्दोष नागरिक की बलि को न्याय के दायरे में लाना है। दर्शकों को जागरूक बनाना कि किस तरह आतंक की मानसिकता आम लोगों तक पहुँच रही है।
फिल्म को लेकर विवाद और समर्थन हुआ। कुछ संगठनों ने इस फिल्म को "धार्मिक ध्रुवीकरण" बताकर आलोचना की है। वहीं, कई लोगों ने फिल्म को "सच दिखाने वाली बहादुरी" करार दिया है। सेंसर बोर्ड ने फिल्म को कुछ चेतावनी संदेशों के साथ पास किया है।