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YouTube क्रिएटर्स रहें सतर्क, स्कैमर्स के नए हथकंडे का पर्दाफाश

डिजिटल दुनिया में स्कैमर्स नए-नए तरीकों से लोगों को ठगने की कोशिश कर रहे हैं। भारत में डिजिटल क्रांति के इस दौर में यूट्यूब एक शक्तिशाली माध्यम बन चुका है। लाखों युवाओं और प्रतिभाशाली व्यक्तियों के लिए यह प्लेटफॉर्म न केवल आय का स्रोत है, बल्कि अपनी रचनात्मकता को दुनिया के सामने प्रदर्शित करने का भी एक बड़ा अवसर है। हालाँकि, जैसे-जैसे यूट्यूब क्रिएटर्स की संख्या बढ़ रही है, वैसे-वैसे स्कैमर्स और धोखेबाजों की नजर भी इस प्लेटफॉर्म पर टिकी हुई है।

इन दिनों स्कैमर्स ने यूट्यूब क्रिएटर्स को निशाना बनाने के लिए नए-नए तरीके ईजाद किए हैं, जिनके बारे में जागरूकता ही सुरक्षा का एकमात्र रास्ता है। अब YouTube कंटेंट क्रिएटर्स को निशाना बनाने के लिए एक नया तरीका अपनाया जा रहा है। YouTube ने अपने क्रिएटर्स को चेतावनी दी है कि स्कैमर्स अब यूट्यूब के सीईओ नील मोहन का AI-जनरेटेड वीडियो बनाकर लोगों को धोखा देने की कोशिश कर रहे हैं। अगर आपको भी ऐसा कोई वीडियो मिलता है, तो सतर्क रहें और किसी भी लिंक पर क्लिक करने से बचें।

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कैसे हो रहा है यह स्कैम?

यूट्यूब ने स्पष्ट किया है कि यह स्कैम मुख्य रूप से प्राइवेटली शेयर किए गए वीडियो के माध्यम से किया जा रहा है। इसमें नील मोहन का एक फर्जी वीडियो दिखाया जाता है, जिसमें वे मोनेटाइजेशन पॉलिसी में बदलाव की बात कर रहे होते हैं। यह वीडियो देखने में असली जैसा लगता है, लेकिन वास्तव में इसे आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) की मदद से बनाया गया है।

इस फर्जी वीडियो का मकसद क्रिएटर्स से निजी जानकारी चुराना और उन्हें वित्तीय नुकसान पहुंचाना है। यूट्यूब ने कहा कि यह एक फिशिंग स्कैम है, जो यूजर्स को किसी लिंक पर क्लिक करने के लिए प्रेरित करता है। अगर कोई यूजर इस लिंक पर क्लिक करता है, तो उनके डिवाइस में मालवेयर इंस्टॉल हो सकता है या उनकी निजी जानकारी स्कैमर्स के हाथ लग सकती है।

क्यों है यह स्कैम खतरनाक

स्कैमर्स लगातार नए तरीके अपनाकर क्रिएटर्स को निशाना बना रहे हैं। यूट्यूब का कहना है कि उसके प्रतिनिधि कभी भी प्राइवेट वीडियो के जरिए क्रिएटर्स से संपर्क नहीं करते। अगर किसी क्रिएटर को ऐसा कोई वीडियो प्राप्त होता है, तो यह निश्चित रूप से एक फिशिंग प्रयास हो सकता है।

इन फर्जी वीडियो में अक्सर मोनेटाइजेशन पॉलिसी में बदलाव का जिक्र किया जाता है और क्रिएटर्स से किसी लिंक पर क्लिक करने या नई पॉलिसी को स्वीकार करने के लिए कहा जाता है। कई मामलों में यह लिंक एक मलेशियस वेबसाइट की ओर ले जाता है, जहां से स्कैमर्स क्रिएटर्स की निजी जानकारी चुरा सकते हैं।

 

कैसे पहचानें फर्जी ईमेल और वीडियो

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, कई क्रिएटर्स को ऐसे ईमेल मिल रहे हैं जिनमें एक प्राइवेट वीडियो का लिंक दिया गया होता है। इन ईमेल्स में दावा किया जाता है कि यह वीडियो YouTube से संबंधित महत्वपूर्ण जानकारी साझा करता है।

लेकिन सच यह है कि यह एक जालसाजी का प्रयास है। इन ईमेल्स में मौजूद लिंक पर क्लिक करने से यूजर को एक फर्जी वेबसाइट पर ले जाया जाता है, जहां उन्हें किसी मलेशियस फाइल को डाउनलोड करने या नई मोनेटाइजेशन पॉलिसी को स्वीकार करने के लिए कहा जाता है।

YouTube ने इस प्रकार के स्कैम से बचने के लिए कुछ महत्वपूर्ण सुझाव दिए हैं:

  1. प्राइवेट वीडियो पर भरोसा न करें – YouTube कभी भी प्राइवेट वीडियो के माध्यम से क्रिएटर्स से संपर्क नहीं करता। अगर आपको ऐसा कोई वीडियो मिलता है, तो इसे अनदेखा करें।
  2. किसी अनजान लिंक पर क्लिक न करें – यदि किसी अनजान व्यक्ति से कोई लिंक प्राप्त होता है, तो उस पर क्लिक करने से पहले सावधानी बरतें। यदि लिंक संदिग्ध लगता है, तो इसे खोलने से बचें।
  3. ईमेल्स की सत्यता जांचें – YouTube से आने वाले किसी भी ईमेल को ध्यान से जांचें। यदि ईमेल किसी संदिग्ध स्रोत से आता है, तो उसे तुरंत डिलीट कर दें।
  4. सिक्योरिटी फीचर्स का उपयोग करें – अपने YouTube अकाउंट की सुरक्षा के लिए टू-फैक्टर ऑथेंटिकेशन (2FA) को सक्षम करें। इससे आपके अकाउंट को अतिरिक्त सुरक्षा मिलेगी।

YouTube की आधिकारिक घोषणाओं पर ध्यान दें – YouTube की कोई भी नई पॉलिसी या अपडेट हमेशा कंपनी के आधिकारिक ब्लॉग या सोशल मीडिया हैंडल्स के जरिए साझा की जाती है। किसी अनधिकृत स्रोत से मिली जानकारी पर विश्वास न करें।

1. फर्जी कोलैबोरेशन ऑफर्स: दोस्ती के नाम पर धोखा

स्कैमर्स का सबसे पसंदीदा तरीका है “कोलैबोरेशन” यानी सहयोग का झांसा देना। कई बार क्रिएटर्स को ईमेल या सोशल मीडिया पर मैसेज आते हैं, जिनमें कोई बड़ा ब्रांड या प्रसिद्ध यूट्यूबर उनके साथ वीडियो बनाने का प्रस्ताव भेजता है। ये मैसेज बेहद प्रोफेशनल लगते हैं—लोगो, कॉन्टैक्ट डिटेल्स, और आकर्षक फाइनेंशियल ऑफर्स के साथ।

स्कैम कैसे काम करता है?

  • स्कैमर आपसे कहता है कि कोलैबोरेशन के लिए कुछ डॉक्यूमेंट्स या बैंक डिटेल्स चाहिए।
  • कभी-कभी वे आपको मालवेयर वाली फाइलें डाउनलोड करने के लिए प्रेरित करते हैं, जो आपके डिवाइस को हैक कर लेती हैं।
  • कुछ मामलों में वे “एडवांस पेमेंट” के नाम पर पैसे मांगते हैं, जैसे टैक्स या प्रोसेसिंग फीस।

बचाव के उपाय:

  • किसी भी कोलैबोरेशन ऑफर को सीधे यूट्यूब के ऑफिशियल चैनल (जैसे ‘इनबॉक्स’ या ‘ब्रांड मेल’) के जरिए वेरिफाई करें।
  • कभी भी पर्सनल डिटेल्स शेयर न करें। असली ब्रांड्स कभी भी बैंक या पासवर्ड जैसी जानकारी नहीं मांगते।

2. फेक मोनेटाइजेशन ऑफर्स: पैसों का चक्कर

छोटे क्रिएटर्स के लिए यूट्यूब पार्टनर प्रोग्राम (YPP) का सपना साकार करना बड़ी उपलब्धि होती है। स्कैमर्स इसी चाहत का फायदा उठाते हैं। वे ऐसे ईमेल या लिंक भेजते हैं जो यूट्यूब की तरफ से दिखाई देते हैं, जैसे “आपका चैनल मोनेटाइज्ड हो गया है!” या “अभी अप्लाई करें और पैसे कमाएं!”

स्कैम की पहचान कैसे करें?

  • यूट्यूब कभी भी ईमेल या सोशल मीडिया के जरिए मोनेटाइजेशन नहीं ऑफर करता। सारी प्रक्रिया चैनल के अंदरूनी डैशबोर्ड (YouTube Studio) से होती है।
  • फर्जी लिंक पर क्लिक करने से आपके अकाउंट की डिटेल्स चोरी हो सकती हैं।

सुरक्षा टिप्स:

  • YouTube Studio के अलावा किसी भी लिंक पर विश्वास न करें।
  • अगर कोई ऑफर संदिग्ध लगे, तो YouTube की सपोर्ट टीम से सीधे संपर्क करें।

3. कॉपीराइट स्ट्राइक का डर: ब्लैकमेलिंग

कुछ स्कैमर्स क्रिएटर्स को फर्जी कॉपीराइट स्ट्राइक की धमकी देते हैं। वे कहते हैं, “आपने हमारा कॉन्टेंट चुराया है, पैसे दो वरना चैनल बंद हो जाएगा!”

इस स्कैम का मकसद क्या है?

  • डराकर पैसे ऐंठना।
  • क्रिएटर को लगता है कि उसका चैनल डिलीट हो जाएगा, इसलिए वह बिना सोचे पेमेंट कर देता है।

क्या करें?

  • YouTube का कॉपीराइट सिस्टम पूरी तरह ऑटोमेटेड है। कोई भी लीगल नोटिस सीधे YouTube Studio में दिखेगा।
  • कभी भी किसी व्यक्तिगत मैसेज या ईमेल के जवाब में पैसे न भेजें।

4. फ़िशिंग लिंक्स: हैकर्स की चाल

फ़िशिंग एक ऐसी तकनीक है जिसमें स्कैमर आपको ऐसी वेबसाइट पर ले जाते हैं जो यूट्यूब या गूगल जैसी दिखती है। उदाहरण: “अपना अकाउंट वेरिफाई करें, नहीं तो चैनल सस्पेंड हो जाएगा।”

फ़िशिंग से बचने के तरीके:

  • URL चेक करें: असली यूट्यूब लिंक youtube.com या youtube.com/account जैसा होता है। फर्जी साइट्स के नाम में youtubee.com या verify-yt.com जैसे अंतर होते हैं।
  • गूगल की 2-स्टेप वेरिफिकेशन (2FA) चालू करें।

5. फेक टूल्स और सर्विसेज: सब्सक्राइबर्स बढ़ाने का झांसा

“24 घंटे में 1 लाख सब्सक्राइबर्स पाएं!” जैसे विज्ञापनों में स्कैमर्स आपको फेक एप्स या सर्विसेज बेचते हैं। ये टूल न केवल बेकार होते हैं, बल्कि आपके अकाउंट को हैक भी कर सकते हैं।

सावधानी:

  • यूट्यूब की गाइडलाइन के अनुसार, सब्सक्राइबर्स या व्यूज बढ़ाने वाली कोई भी सर्विस इस्तेमाल करने पर चैनल बैन हो सकता है।
  • केवल विश्वसनीय प्लेटफॉर्म जैसे Canva, TubeBuddy, या VidIQ का ही उपयोग करें।

6. यूट्यूब स्टाफ का बहाना: इम्पर्सनेशन स्कैम

स्कैमर्स अक्सर खुद को यूट्यूब के एम्प्लॉयी या सपोर्ट टीम बताते हैं। वे कहते हैं, “आपके चैनल में प्रॉब्लम है, इसे ठीक करने के लिए हमें अकाउंट एक्सेस चाहिए।”

याद रखें:

  • YouTube की टीम कभी भी आपका पासवर्ड या पर्सनल इंफो नहीं मांगती।
  • ऐसे मैसेज को तुरंत YouTube की अधिकारिक वेबसाइट से रिपोर्ट करें।

स्कैमर्स की नई रणनीति: AI और डीपफेक टेक्नोलॉजी

स्कैमर्स अब पारंपरिक तरीकों से आगे बढ़कर AI और डीपफेक टेक्नोलॉजी का उपयोग कर रहे हैं। AI-जनरेटेड वीडियो इतने वास्तविक दिखते हैं कि किसी को भी धोखा हो सकता है। इस तरह के वीडियो बनाना अब पहले की तुलना में कहीं ज्यादा आसान हो गया है, और स्कैमर्स इसे बड़े पैमाने पर इस्तेमाल कर रहे हैं। वे YouTube के क्रिएटर्स को गुमराह कर उनकी निजी जानकारी चुराने के लिए फर्जी वीडियो और फिशिंग वेबसाइट्स का उपयोग कर रहे हैं।

 

 

स्कैमर्स से बचने के गोल्डन रूल्स

  1. शॉर्टकट से दूर रहें: ओवरनाइट सफलता का कोई जादू नहीं है। सब्सक्राइबर्स और व्यूज ऑर्गेनिक तरीके से ही बढ़ाएं।
  2. लिंक्स पर क्लिक करने से पहले सोचें: अगर कोई लिंक अजीब लगे, तो उसे हूवर करके URL चेक करें।
  3. ज्ञान ही शक्ति है: YouTube की ऑफिशियल गाइडलाइन्स और कम्युनिटी फोरम्स को फॉलो करें।
  4. संदेह होने पर रिपोर्ट करें: स्कैम को YouTube के सपोर्ट पोर्टल या साइबर क्राइम सेल में शिकायत करें।

 

क्या करें अगर आपको ऐसा कोई वीडियो मिले

अगर आपको कोई संदिग्ध वीडियो मिलता है, तो उसे YouTube को रिपोर्ट करें। यदि कोई अनजान व्यक्ति आपको संदिग्ध लिंक भेजता है, तो उसे न खोलें और तुरंत हटा दें। अपने ईमेल अकाउंट और YouTube चैनल की सुरक्षा के लिए मजबूत पासवर्ड और टू-फैक्टर ऑथेंटिकेशन का उपयोग करें।नियमित रूप से अपने अकाउंट की सुरक्षा सेटिंग्स की समीक्षा करें और अनावश्यक एक्सेस को बंद करें।

YouTube कंटेंट क्रिएटर्स के लिए यह स्कैम एक गंभीर खतरा बन सकता है, लेकिन सतर्कता और सावधानी बरतकर इससे बचा जा सकता है। YouTube द्वारा जारी चेतावनी को गंभीरता से लेते हुए, क्रिएटर्स को किसी भी संदिग्ध लिंक पर क्लिक करने से बचना चाहिए और AI-जनरेटेड वीडियो की सत्यता की जांच करनी चाहिए।

टेक्नोलॉजी के बढ़ते प्रभाव के साथ-साथ स्कैमर्स भी उन्नत तरीकों का उपयोग कर रहे हैं। ऐसे में, हमें हमेशा सतर्क रहना चाहिए और डिजिटल सुरक्षा को प्राथमिकता देनी चाहिए।

 

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