Panchang 23 April 2025: जानें आज का Miraculous शुभ मुहूर्त, दशमी तिथि पर Special पूजा

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Panchang 23 April 2025: जानें आज का Miraculous शुभ मुहूर्त, दशमी तिथि पर Special पूजा


Panchang 23 April 2025: आज 23 अप्रैल 2025, बुधवार को वैशाख मास के कृष्ण पक्ष की दशमी तिथि है। दिन विशेष रूप से धनिष्ठा नक्षत्र, शुक्ल योग और बुध ग्रह की स्थिति को लेकर धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण माना जा रहा है। इस दिन कुछ शुभ कार्यों से परहेज करने की भी सलाह दी गई है क्योंकि आज अभिजीत मुहूर्त उपलब्ध नहीं है और भद्रा काल भी रहेगा। तो आइए जानते हैं आज का विस्तृत पंचांग, शुभ-अशुभ मुहूर्त, राहुकाल, चंद्रग्रह की स्थिति और दिन से जुड़ी विशेष जानकारियाँ…

Panchang 23 April 2025 आज का पंचांग:

विवरण जानकारी
तिथि दशमी (16:37 तक)
पक्ष कृष्ण पक्ष
मास वैशाख
वार बुधवार
नक्षत्र धनिष्ठा (11:55 तक)
योग शुक्ल (18:38 तक)
करण विष्टि (16:37 तक), फिर बव (27:41 तक)
सूर्योदय 05:51 बजे
सूर्यास्त 18:33 बजे
राहुकाल 12:12 बजे से 13:47 बजे तक
चंद्र राशि मकर राशि
अभिजीत मुहूर्त आज उपलब्ध नहीं
विक्रमी संवत् 2082
शक संवत् 1947 (विश्वावसु)

Panchang 23 April 2025 तिथि का महत्व: 

दशमी तिथि का संबंध यम देव से माना गया है। इस तिथि पर पितृ कार्यों, पितृ तर्पण, और ब्राह्मण भोज जैसे कार्य अत्यंत शुभ माने जाते हैं। चंद्रमा की गति के अनुसार दशमी तब आती है जब चंद्र रेखांक और सूर्य रेखांक के बीच की दूरी 108 अंश तक पहुँचती है। यह तिथि दो बार आती है — शुक्ल पक्ष की दशमी और कृष्ण पक्ष की दशमी। आज का दिन कृष्ण पक्ष की दशमी है, जिसे शांतिपूर्वक बिताना श्रेष्ठ रहता है।

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Panchang 23 April 2025 नक्षत्र: 

धनिष्ठा नक्षत्र का स्वामी मंगल ग्रह है। यह नक्षत्र विशेष रूप से संगीत, कलात्मक कार्यों, तथा व्यापारिक निर्णयों के लिए उपयुक्त माना जाता है। आज यह नक्षत्र सुबह 11:55 तक रहेगा। इसके प्रभाव में साहसिक निर्णय लिए जा सकते हैं लेकिन जल्दबाज़ी से बचना चाहिए।

Panchang 23 April 2025 योग: 

शुक्ल योग का संबंध शुभता से है। यह योग 18:38 तक रहेगा। शुक्ल योग में किए गए कार्यों में वृद्धि होती है, परिणामस्वरूप वांछित फल की प्राप्ति होती है। इस योग में धार्मिक कार्य, विद्या-अध्ययन, विवाह संबंधी विचार या मानसिक शांति हेतु ध्यान-योग करना अत्यंत फलदायक होता है।

Panchang 23 April 2025 करण:

आज विष्टि करण दोपहर 4:37 बजे तक रहेगा। विष्टि करण को ‘भद्रा’ भी कहा जाता है। भद्रा काल में कोई भी मांगलिक कार्य जैसे गृह प्रवेश, शादी, मुंडन आदि वर्जित माने गए हैं। विष्टि करण के बाद बव करण रहेगा जो अगले दिन 3:41 बजे तक प्रभावी रहेगा। बव करण सामान्यतः शुभ माना जाता है।

Panchang 23 April 2025 सूर्य और चंद्र की स्थिति:

आज चंद्रमा मकर राशि में है। यह राशि कर्मप्रधान मानी जाती है, इसलिए आज के दिन कर्म में विशेष रूप से जुटे रहने की प्रेरणा मिलती है। साथ ही चंद्रमा मकर राशि में होने से मन शांत और अनुशासित बना रहता है। वहीं, सूर्य भी मेष राशि में हैं, जो ऊर्जा, साहस और नेतृत्व की भावना को बढ़ावा देते हैं।

Panchang 23 April 2025 राहुकाल: 

राहुकाल को शुभ कार्यों के लिए वर्जित माना गया है। इस समय में कोई नया कार्य, यात्रा आरंभ, खरीदारी या विशेष निर्णय लेने से बचना चाहिए। बुधवार को राहुकाल का समय दोपहर 12:12 से 13:47 बजे तक रहेगा। अगर इस दौरान कोई जरूरी कार्य हो तो उसका उपाय कर, मंत्र जाप आदि से नकारात्मक प्रभाव कम किया जा सकता है।

Panchang 23 April 2025 का शुभ कार्य और परहेज: 

क्या करें:

  • धार्मिक ग्रंथों का पाठ करें।

  • व्रत रखें (विशेषकर दशमी व्रत)।

  • पितृ तर्पण करें।

  • हनुमान चालीसा या विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ करें।

क्या न करें:

  • भद्रा काल में यात्रा या शुभ कार्य न करें।

  • राहुकाल में खरीदारी या नया कार्य आरंभ न करें।

  • बिना सोचे समझे निवेश न करें।

Panchang 23 April 2025 के पांच प्रमुख अंगों की जानकारी: 

1. तिथि

तिथि का अर्थ है सूर्य और चंद्रमा के बीच की कोणीय दूरी के अनुसार समय। हिंदू कैलेंडर में एक पक्ष में 15 तिथियाँ होती हैं:
तिथियाँ: प्रतिपदा, द्वितीया, तृतीया, चतुर्थी, पंचमी, षष्ठी, सप्तमी, अष्टमी, नवमी, दशमी, एकादशी, द्वादशी, त्रयोदशी, चतुर्दशी, पूर्णिमा/अमावस्या।

2. नक्षत्र

नक्षत्र आकाश में स्थित स्थायी ताराओं के समूह होते हैं।
27 नक्षत्र: अश्विनी, भरणी, कृत्तिका, रोहिणी, मृगशिरा, आर्द्रा, पुनर्वसु, पुष्य, आश्लेषा, मघा, पूर्वा फाल्गुनी, उत्तर फाल्गुनी, हस्त, चित्रा, स्वाति, विशाखा, अनुराधा, ज्येष्ठा, मूल, पूर्वाषाढ़ा, उत्तराषाढ़ा, श्रवण, धनिष्ठा, शतभिषा, पूर्वाभाद्रपद, उत्तराभाद्रपद, रेवती।

3. वार

सप्ताह के सातों दिन वार कहलाते हैं, और इनका संबंध ग्रहों से होता है: वार: सोमवार (चंद्र), मंगलवार (मंगल), बुधवार (बुध), गुरुवार (गुरु), शुक्रवार (शुक्र), शनिवार (शनि), रविवार (सूर्य)।

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4. योग

योग 27 प्रकार के होते हैं और ये सूर्य और चंद्रमा की दूरी पर आधारित होते हैं।
कुछ प्रमुख योग: सिद्धि, शोभन, आयुष्मान, प्रीति, सौभाग्य, गण्ड, ध्रुव, हर्षण, व्याघात, वज्र, इंद्र, वैधृति आदि।

5. करण

करण तिथि का आधा भाग होता है, और एक तिथि में दो करण होते हैं।
11 करण: बव, बालव, कौलव, तैतिल, गर, वणिज, विष्टि, शकुनि, चतुष्पाद, नाग, किस्तुघ्न।
विष्टि करण को “भद्रा” कहा जाता है और इसमें शुभ कार्य वर्जित होते हैं।

ज्योतिषीय दृष्टि से आज का दिन

बुधवार का दिन बुद्धि, संवाद, गणना और व्यापार से जुड़ा होता है। जो लोग लेखन, शिक्षा, वाणी, संवाद, मीडिया और वाणिज्य के क्षेत्र में हैं, उनके लिए आज का दिन विशेष फलदायक हो सकता है। साथ ही, यदि आज आप किसी नई योजना पर विचार कर रहे हैं, तो दोपहर के बाद का समय उत्तम रहेगा (भद्रा काल के बाद)।

आज के विशेष उपाय
  • गणेश जी की आराधना करें और “ॐ गं गणपतये नमः” मंत्र का 108 बार जप करें।

  • बुधवार को हरे रंग के वस्त्र पहनना लाभदायक होता है।

  • गाय को हरा चारा और तुलसी अर्पित करें।

  • व्यापार में लाभ के लिए पान के पत्ते पर हल्दी से “श्री” लिखकर तिजोरी में रखें।

23 अप्रैल 2025 का दिन धार्मिक और ज्योतिषीय दृष्टि से सामान्य शुभता लिए हुए है। यद्यपि अभिजीत मुहूर्त आज नहीं है और भद्रा काल दिन के प्रथम भाग में पड़ रहा है, फिर भी शाम के समय शुभ कार्यों की योजना बनाई जा सकती है। चंद्रमा की मकर राशि में उपस्थिति मानसिक स्थिरता और आत्मचिंतन के लिए प्रेरित करेगी। नक्षत्र और योग का प्रभाव कर्मक्षेत्र में उन्नति के संकेत दे रहा है।

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