Toll Tax Hike: 5% बढ़ा, वाहन मालिकों को झटका, सफर हुआ महंगा
Toll Tax Hike: हर साल 1 अप्रैल को Toll Tax में बदलाव की परंपरा को जारी रखते हुए, भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) ने इस वर्ष भी Toll Tax दरों में वृद्धि की है। 1 अप्रैल 2025 से यह नई दरें लागू हो गई हैं, जिससे देशभर के राष्ट्रीय राजमार्गों और एक्सप्रेसवे पर यात्रा करने वालों की जेब पर अतिरिक्त बोझ पड़ेगा। NHAI ने टोल टैक्स में 4-5 फीसदी की वृद्धि की है, जिसका असर दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे, ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे और दिल्ली-जयपुर हाइवे समेत देशभर के सभी महत्वपूर्ण मार्गों पर दिखेगा।
देशभर में Toll Tax Hike, सफर हुआ महंगा
Toll Tax Hike में हुई यह बढ़ोतरी थोक मूल्य सूचकांक (WPI) आधारित मुद्रास्फीति के कारण की गई है। हर साल 1 अप्रैल को यह संशोधन लागू किया जाता है और इस बार भी यात्रियों को बढ़ी हुई दरों के अनुसार भुगतान करना होगा। नए टोल रेट्स को NHAI ने सार्वजनिक कर दिया है, जिससे अब यात्रा की योजना बनाने वालों को अतिरिक्त खर्च के लिए तैयार रहना होगा।
भारत में 850 से अधिक टोल प्लाजा
देशभर में 855 टोल प्लाजा संचालित हैं, जिनमें से करीब 675 टोल प्लाजा सरकार द्वारा निर्मित हैं और 180 टोल प्लाजा निजी कंपनियों के अंतर्गत आते हैं। इन निजी कंपनियों को हाईवे निर्माण और रखरखाव की जिम्मेदारी दी जाती है। सभी टोल प्लाजा राष्ट्रीय राजमार्ग शुल्क (दरें और वसूली का निर्धारण) नियम, 2008 के अंतर्गत संचालित किए जाते हैं। इन टोल प्लाजा से वसूला गया पैसा सड़क अवसंरचना (इन्फ्रास्ट्रक्चर) के विकास और रखरखाव में लगाया जाता है।
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Toll Tax Hike: हर साल बढ़ती हैं दरें, यह है कारण
टोल शुल्क में बढ़ोतरी एक वार्षिक प्रक्रिया है, जो मुद्रास्फीति (इन्फ्लेशन) और थोक मूल्य सूचकांक के आधार पर तय की जाती है। जैसे-जैसे महंगाई बढ़ती है, वैसे-वैसे टोल टैक्स भी बढ़ाया जाता है।

सरकार हर साल 1 अप्रैल को इन नई दरों को लागू करती है ताकि राष्ट्रीय राजमार्गों और एक्सप्रेसवे के रखरखाव और सुधार कार्यों के लिए पर्याप्त राजस्व जुटाया जा सके। लेकिन इसका सीधा असर आम यात्रियों और परिवहन उद्योग पर पड़ता है, जिससे ट्रांसपोर्ट कॉस्ट भी बढ़ती है।
Toll Tax Hike: किन रास्तों पर होगा ज्यादा असर?
इस Toll Tax Hike का सबसे ज्यादा असर दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे, ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे और दिल्ली-जयपुर हाईवे पर देखने को मिलेगा। इसके अलावा, देशभर में कई महत्वपूर्ण मार्गों पर भी यात्रियों को अधिक भुगतान करना पड़ेगा। यह बढ़ोतरी न केवल निजी वाहनों बल्कि व्यावसायिक वाहनों (ट्रकों, बसों, टैक्सियों) पर भी लागू होगी, जिससे परिवहन लागत बढ़ेगी और इसका असर सामानों की कीमतों पर भी पड़ सकता है।
यात्रियों पर असर और सरकार को आलोचनाएं
हर दिन लाखों लोग कार, बस, ट्रक और अन्य वाहनों से सफर करते हैं। राष्ट्रीय राजमार्ग और एक्सप्रेसवे का उपयोग करने वालों को इस बढ़ोतरी से अतिरिक्त बोझ उठाना पड़ेगा।
इस बदलाव से आम जनता को परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। पहले से ही ईंधन की कीमतों में बढ़ोतरी के कारण परिवहन महंगा हो गया है और अब टोल टैक्स में वृद्धि से यात्रियों की जेब पर और अधिक भार पड़ेगा।
सरकार हर साल इस बढ़ोतरी को सही ठहराती है कि इससे सड़क अवसंरचना में सुधार होगा, लेकिन जनता इसे एक अतिरिक्त बोझ के रूप में देखती है। अक्सर, टोल शुल्क में वृद्धि के बाद सरकार को आलोचनाओं का सामना करना पड़ता है, खासकर जब सड़कों की हालत खराब होती है और यात्रियों को टोल देने के बावजूद असुविधाजनक यात्रा करनी पड़ती है।
टोल टैक्स बढ़ोतरी के पीछे सरकार की दलील
NHAI और सरकार का मानना है कि टोल टैक्स बढ़ाने से सड़कों की गुणवत्ता और रखरखाव में सुधार किया जा सकता है।
- बेहतर सड़कें: टोल से मिलने वाले पैसे का इस्तेमाल सड़कों की मरम्मत और नई परियोजनाओं में किया जाता है।
- राजस्व वृद्धि: सरकार के अनुसार, यह राजस्व इन्फ्रास्ट्रक्चर सुधार में मदद करता है, जिससे भविष्य में सड़कें और अधिक सुरक्षित और सुविधाजनक बन सकती हैं।
- ट्रैफिक प्रबंधन: टोल टैक्स बढ़ाने से अनावश्यक ट्रैफिक को नियंत्रित किया जा सकता है और लोग वैकल्पिक मार्गों का उपयोग करने के लिए प्रेरित होते हैं।
लेकिन आम जनता इसे एक और महंगाई का बोझ मानती है, खासकर तब जब टोल प्लाजा पर लंबी कतारें, धीमी प्रक्रियाएं और खराब सड़कें देखने को मिलती हैं।
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क्या FASTag यूजर्स को मिलेगा कोई फायदा?
FASTag का उपयोग करने वाले यात्रियों को मैन्युअल टोल भुगतान करने वालों की तुलना में थोड़ी राहत मिल सकती है। NHAI के नए नियमों के अनुसार, FASTag उपयोगकर्ताओं को कैश पेमेेंट करने वालों से कम शुल्क देना होगा, जिससे वे कुछ पैसे बचा सकते हैं।
इसके अलावा, कई टोल प्लाजा पर FASTag का उपयोग अनिवार्य कर दिया गया है, जिससे टोल प्लाजा पर लगने वाला समय भी कम हो गया है। लेकिन टोल टैक्स बढ़ने का असर FASTag यूजर्स पर भी पड़ेगा, क्योंकि उन्हें भी बढ़ी हुई दरों के अनुसार भुगतान करना होगा।
सफर हुआ महंगा, आगे क्या?
टोल टैक्स की बढ़ोतरी के बाद लोगों के यात्रा खर्च में इजाफा होगा। खासतौर पर लंबी दूरी की यात्रा करने वालों को अधिक खर्च करना पड़ेगा। सरकार और NHAI का कहना है कि यह पैसा हाईवे सुधार के लिए इस्तेमाल किया जाएगा, लेकिन जनता की चिंता यही है कि क्या उन्हें इस बढ़े हुए शुल्क के बदले में बेहतर सड़कें मिलेंगी या नहीं।
आने वाले समय में, इस बढ़ोतरी का असर परिवहन लागत, वस्तुओं की कीमतों और ट्रैफिक प्रबंधन पर पड़ेगा। अब देखना यह होगा कि सरकार आम जनता को राहत देने के लिए कोई वैकल्पिक योजना बनाती है या नहीं।
क्या आप इस बढ़ोतरी से सहमत हैं?
आपकी राय क्या है? क्या यह बढ़ोतरी सही है, या सरकार को कोई और विकल्प अपनाना चाहिए? अपने विचार हमें कमेंट में बताएं!
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